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स्टोर रूम में पड़े रहे सैकड़ों ventilator, उधर हजारों मरीजों की थम गईं सांसें - जबलपुर

राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक Self cognition petition की सुनवाई के दौरान यह हलफनामा पेश किया है कि उनके पास 100 से ज्यादा ventilator थे, जो डिब्बे में बंद थे और प्रदेशभर की अस्पतालों के स्टोर रूम में पड़े हुए हैं.

Self cognition petition in jabalpur high court
डिब्बे में बंद ventilator
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Published : Jun 3, 2021, 12:28 PM IST

जबलपुर। कोरोना वायरस के संकट काल में ventilator एक बड़ी महत्वपूर्ण मशीन बन कर सामने आई है. सामान्य तौर पर भी ventilator टूटी हुई सांसों को बचाने में एक बड़ी महत्वपूर्ण मशीन है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक Self cognition petition की सुनवाई के दौरान यह हलफनामा पेश किया है कि उनके पास 100 से ज्यादा ventilator थे, जो डिब्बे में बंद थे और प्रदेशभर की अस्पतालों के स्टोर रूम में पड़े हुए हैं हैरानी इस बात की है कि जो मशीन लोगों की जान बचा सकती थीं. उस मशीन को अस्पताल में लगवाया क्यों नहीं गया. आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि जनता के पैसे से जनता के लिए खरीदी गई मशीन डिब्बे में बंद रखी रही और जनता मरती रही है.

डिब्बे में बंद ventilator

जिला अस्पताल को मिली दो वेंटीलेटर एंबुलेंस, गंभीर मरीजों को मिलेगी सुविधा

केवल 14 जिलों में city scan

सरकार के ही स्वास्थ्य महकमे के हलफनामे में दूसरे चौंका देने वाला तथ्य सामने आया कि मध्य प्रदेश के केवल 14 जिलों में ही CT Scan की मशीन है. सरकार की ओर से लगाई गई है और बाकी प्रदेश इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा से अभी तक वंचित है.

सरकार के पास नहीं हैं ventilator चलाने वाले लोग

अब हम सवाल क्या उठाएं कि आखिर वेंटिलेटर क्यों नहीं लगाए गए अगर ventilator चलाने वाले लोग नहीं थे तो भर्तियां क्यों नहीं की गई.

जबलपुर। कोरोना वायरस के संकट काल में ventilator एक बड़ी महत्वपूर्ण मशीन बन कर सामने आई है. सामान्य तौर पर भी ventilator टूटी हुई सांसों को बचाने में एक बड़ी महत्वपूर्ण मशीन है. आपको जानकर हैरानी होगी कि राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक Self cognition petition की सुनवाई के दौरान यह हलफनामा पेश किया है कि उनके पास 100 से ज्यादा ventilator थे, जो डिब्बे में बंद थे और प्रदेशभर की अस्पतालों के स्टोर रूम में पड़े हुए हैं हैरानी इस बात की है कि जो मशीन लोगों की जान बचा सकती थीं. उस मशीन को अस्पताल में लगवाया क्यों नहीं गया. आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि जनता के पैसे से जनता के लिए खरीदी गई मशीन डिब्बे में बंद रखी रही और जनता मरती रही है.

डिब्बे में बंद ventilator

जिला अस्पताल को मिली दो वेंटीलेटर एंबुलेंस, गंभीर मरीजों को मिलेगी सुविधा

केवल 14 जिलों में city scan

सरकार के ही स्वास्थ्य महकमे के हलफनामे में दूसरे चौंका देने वाला तथ्य सामने आया कि मध्य प्रदेश के केवल 14 जिलों में ही CT Scan की मशीन है. सरकार की ओर से लगाई गई है और बाकी प्रदेश इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा से अभी तक वंचित है.

सरकार के पास नहीं हैं ventilator चलाने वाले लोग

अब हम सवाल क्या उठाएं कि आखिर वेंटिलेटर क्यों नहीं लगाए गए अगर ventilator चलाने वाले लोग नहीं थे तो भर्तियां क्यों नहीं की गई.

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