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इस मंदिर में पिछले 53 सालों से जारी है अखंड रामायण का पाठ, दूर-दूर से आते हैं भगवान श्रीराम के भक्त - Lord Ram

जबलपुर के सूपाताल में पिछले 53 सालों से अखंड रामायण का पाठ जारी है. अखंड रामायण की शुरुआत दादा भगवान ने की थी, जिसे अब यहां के स्थानीय लोग आगे बढ़ा रहे हैं.

53 सालों से जारी है अखंड रामायण का पाठ
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Published : Oct 19, 2019, 11:10 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 3:20 PM IST

जबलपुर। भगवान राम को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं. इसी के चलते जबलपुर के सूपाताल में भी भगवान राम के अखंड रामायण का पाठ बीते 53 सालों से बिना रुके किया जा रहा है. यहां भगवान राम को प्रसन्न करने और हनुमान जी की पूजा के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

53 सालों से जारी है अखंड रामायण का पाठ

भगवान राम के इस मंदिर में 16 अगस्त 1967 से अखंड रामायण का पाठ जारी है. इसके अलावा 1967 से ही अखंड ज्योति भी इस मंदिर में जल रही है. जानकारी के मुताबिक बजरंग मठ में मानस यज्ञ का शुभारंभ दादा भगवान ने कराया था. बताया जाता है कि भगवान राम के अनन्य भक्त दादा भगवान का नाम वीरेंद्र पुरी महाराज था, जो एक नागा साधु थे. इन्होंने भगवान राम के अखंड मानस का पाठ शुरू कराया था, जिसे अब स्थानीय लोग कर रहे हैं.

दिन हो या रात, सुबह हो या शाम, बारिश हो या फिर धूप.. मंदिर में चौबीसों घंटे रामधुन गूंजती रहती है. बजरंग मठ में चले आ रहे मानस यज्ञ में अभी तक 12 हजार से ज्यादा मानस पाठ हो चुके हैं. हर तीसरे दिन एक और माह में लगभग 16 पाठ पूरे किए जाते हैं.

श्रीराम नाम के रस का पान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. कहा जाता है कि श्री राम के इस अखंड मानस यज्ञ की महिमा रूपी मंदिर के सागर में गोता लगाकर लोग खुद को धन्य मानते हैं.

जबलपुर। भगवान राम को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं. इसी के चलते जबलपुर के सूपाताल में भी भगवान राम के अखंड रामायण का पाठ बीते 53 सालों से बिना रुके किया जा रहा है. यहां भगवान राम को प्रसन्न करने और हनुमान जी की पूजा के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

53 सालों से जारी है अखंड रामायण का पाठ

भगवान राम के इस मंदिर में 16 अगस्त 1967 से अखंड रामायण का पाठ जारी है. इसके अलावा 1967 से ही अखंड ज्योति भी इस मंदिर में जल रही है. जानकारी के मुताबिक बजरंग मठ में मानस यज्ञ का शुभारंभ दादा भगवान ने कराया था. बताया जाता है कि भगवान राम के अनन्य भक्त दादा भगवान का नाम वीरेंद्र पुरी महाराज था, जो एक नागा साधु थे. इन्होंने भगवान राम के अखंड मानस का पाठ शुरू कराया था, जिसे अब स्थानीय लोग कर रहे हैं.

दिन हो या रात, सुबह हो या शाम, बारिश हो या फिर धूप.. मंदिर में चौबीसों घंटे रामधुन गूंजती रहती है. बजरंग मठ में चले आ रहे मानस यज्ञ में अभी तक 12 हजार से ज्यादा मानस पाठ हो चुके हैं. हर तीसरे दिन एक और माह में लगभग 16 पाठ पूरे किए जाते हैं.

श्रीराम नाम के रस का पान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं. कहा जाता है कि श्री राम के इस अखंड मानस यज्ञ की महिमा रूपी मंदिर के सागर में गोता लगाकर लोग खुद को धन्य मानते हैं.

Intro:जबलपुर
कहते हैं भगवान राम को अगर प्रसन्न करना हो तो उनके भक्त हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।इसी के चलते जबलपुर के सूपाताल में भगवान राम का अखंड मानस पाठ बीते 53 सालों से बिना रुके किया जा रहा है।बताया यह भी जाता है कि भगवान राम को प्रसन्न करने और हनुमान जी की पूजा के लिए दूर-दूर से यहां भक्त आते हैं।


Body:भगवान राम के इस मंदिर में 16 अगस्त 1967 से अखंड रामायण पढ़ी जा रही है इसके अलावा 1967 से ही अखंड ज्योति भी इस मंदिर में जल रही है।जानकारी के मुताबिक बजरंग मठ में मानस यज्ञ का शुभारंभ दादा भगवान ने कराया था।16 अगस्त 1967 सवंत 2024 श्रावण शुक्ल पक्ष बुधवार को यहां पर मानस यज्ञ शुरू हुआ था।भगवान राम के अटूट भक्त भगवान दादा का नाम वीरेंद्र पुरी महाराज था जो कि एक नागा साधु थे। नागा साधु द्वारा शुरू की कराए गए पाठ को अब स्थानीय लोग कर रहे हैं।


Conclusion:दिन हो या रात, सुबह हो या शाम, बारिश हो या फिर धूप मंदिर में चौबीसों घंटे रामधुन गूंजती रहती है।बजरंग मठ में चले आ रहे मानस यज्ञ में अभी तक 12000 से ज्यादा मानस पाठ हो चुके हैं। हर तीसरे दिन एक और माह में लगभग 16 पाठ पूरे किए जाते हैं। श्री राम नाम के रस का पान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर दूर-दूर से आते हैं।कहा तो यह भी जाता है कि श्री राम के इस अखंड मानस यज्ञ की महिमा रूपी मंदिर के सागर में गोता लगाकर लोग खुद को धन्य मानते हैं।
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Last Updated : Oct 19, 2019, 3:20 PM IST
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