जबलपुर। पूर्व मंत्री तरुण भनोट को शासन द्वारा आवंटित बंगले को दोबारा सील किये जाने को चुनौती देते हुए, पूर्व मंत्री तरुण भानोट ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विशाल घगट की युगलपीठ को सरकार की तरफ से बताया गया कि पूर्व मंत्री को शासकीय बंगले में रखे समान को उठाने के लिए 24 जून तक का समय दिया गया है. इस बारे में अखबारों में नोटिस भी जारी किया गया था वहीं इसके अलावा उन्हें विधायक के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष कोटे से मकान आवंटित कर दिया गया है. जिसके बाद युगलपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए अयोग्य पाते हुए उसे खारिज कर दिया है.
पूर्व मंत्री और पश्चिम विधानसभा से विधायक तरुण भनोट की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उन्हें पूर्व में चार इमली भोपाल स्थित बंगला नंबर बी-19 आवंटित किया गया था. वहीं प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद उनके बंगले को सील कर दिया गया था, जिसके बाद तरुण भनोट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. सरकार ने बंगला खोल दिया था, जिसके बाद उन्होंने याचिका वापस ले ली थी. वहीं तरुण भनोट को आवंटित बंगले को सरकार ने 10 जून को फिर से सील कर दिया, दायर याचिका में कहा गया था कि सील किए गए बंगले को पहले खोला गया था सरकार ने उन्हें कोई शासकीय मकान नहीं दिया है.
सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए उप महाधिवक्ता एके सिंह ने बताया कि मंत्री के तौर पर उन्हें उक्त बंगला आवंटित किया गया था. सरकार बदलने और मंत्री पद से हटने के बाद उक्त बंगला खुजराहो सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा को आवंटित कर दिया गया है. पहले बंगले की सील इसलिए खोल दी गई थी ताकि याचिकाकर्ता अपना समान उठा सके, लेकिन याचिकाकर्ता ने नोटिस के बाद भी बंगला खाली नहीं किया. जिसके बाद बंगले को दोबारा सील कर दिया गया वहीं 24 जून तक समान उठा लेने के संबंध में नोटिस भी अखबारों में दिया गया है, जिसके बाद याचिकाकर्ता को भोपाल के चार इमली स्थित डी-27 बंगला आवंटित कर दिया गया है, वहीं युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया है.