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जबलपुर: पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने दी चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, 'पानी नहीं तो वोट नहीं'

पेयजल की समस्या से जूझ रहे टक्कर गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो गांव का कोई भी मतदाता वोट नहीं करेगा. पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोगों ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने दी चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, 'पानी नहीं तो वोट नहीं'
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Published : Mar 23, 2019, 10:55 PM IST

जबलपुर। पेयजल की समस्या से जूझ रहे टक्कर गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो गांव का कोई भी मतदाता वोट नहीं करेगा. पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोगों ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने दी चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, 'पानी नहीं तो वोट नहीं'


दरअसल जबलपुर के टक्कर गांव के लोग पीने का पानी के लेकर खासे परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब नेता वोट मांगने आते हैं, तब पानी देने की बात का वादा करते हैं और चुनाव खत्म होने के बाद उनकी परेशानी सुनने कोई नहीं आता है. वहीं महिलाओं ने कहा कि इलाके में इतनी गंदगी होने के कारण भूमिगत जल दूषित हो गया है, जिससे बोरेवल का पानी इतना गंदा आता है, कि उसका इस्तेमाल पीने के लिए नहीं किया जा सकता है. लोगों ने बताया कि पानी का टैक्स देने के बावजूद लोगों को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी की शिकायत करने के लिए नगर निगम जाते हैं, तो वहां निगम के आला-अधिकारी भी नदारद मिलते हैं. हर महीने टैक्स देने के बावजूद हमें पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही लोगों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो हम वोट नहीं डालेंगे.

जबलपुर। पेयजल की समस्या से जूझ रहे टक्कर गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो गांव का कोई भी मतदाता वोट नहीं करेगा. पेयजल की समस्या से जूझ रहे लोगों ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने दी चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी, 'पानी नहीं तो वोट नहीं'


दरअसल जबलपुर के टक्कर गांव के लोग पीने का पानी के लेकर खासे परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब नेता वोट मांगने आते हैं, तब पानी देने की बात का वादा करते हैं और चुनाव खत्म होने के बाद उनकी परेशानी सुनने कोई नहीं आता है. वहीं महिलाओं ने कहा कि इलाके में इतनी गंदगी होने के कारण भूमिगत जल दूषित हो गया है, जिससे बोरेवल का पानी इतना गंदा आता है, कि उसका इस्तेमाल पीने के लिए नहीं किया जा सकता है. लोगों ने बताया कि पानी का टैक्स देने के बावजूद लोगों को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी की शिकायत करने के लिए नगर निगम जाते हैं, तो वहां निगम के आला-अधिकारी भी नदारद मिलते हैं. हर महीने टैक्स देने के बावजूद हमें पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही लोगों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो हम वोट नहीं डालेंगे.

Intro:जबलपुर के गरीब और पिछड़े इलाकों में लगभग 1 लाख लोग पीने के पानी को मोहताज
जबलपुर के कई इलाकों में पीने का पानी होता है राजनीति का शिकार
नेता पानी देने के नाम पर करते हैं राजनीति जनता का कहना पानी नहीं तो वोट नहीं


Body:जबलपुर
अभी गर्मी शुरू नहीं हुई है लेकिन जबलपुर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है जबलपुर में टक्कर ग्राम ग्वारीघाट तिलहरी गलगला टोरिया पहाड़ी बाबा टोला जैसे लगभग एक दर्जन इलाके हैं जहां लगभग 200000 लोग रहते हैं यह ज्यादातर घनी बस्तियां हैं और पिछड़े इलाके हैं और साथ ही छोटी-छोटी पहाड़ियों पर बसे हुए इन इलाकों में पानी की समस्या मुंह बाए खड़ी हुई है दिन भर में महज आधे से 1 घंटे पानी आता है जो समय पानी नहीं भर पाता है वह आधे से 1 किलोमीटर दूर से पानी भर कर लाता है

हमें इस इलाके में कई बच्चे पानी भरते हुए मिले हालांकि इन बच्चों के आठवीं के पेपर चल रहे हैं लेकिन ट्यूबवेल पर इसी समय कम भीड़ होती है इसलिए इस पानी भरकर ले जाते हैं बच्चों का कहना है कि पानी की समस्या की वजह से मैं पढ़ नहीं पाते

टककर ग्राम के लोगों का कहना है कि जब नेता वोट मांगने आते हैं तब पानी देने की बात का वादा करते हैं लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद हमारी परेशानी सुनने कोई नहीं आता महिलाओं का कहना है कि बोरवेल का पानी इतना गंदा होता है कि उसका इस्तेमाल पीने के लिए नहीं किया जा सकता दरअसल इस इलाके में कच्ची नालियां हैं और साफ सफाई का इंतजाम भी नहीं है इसलिए भूमिगत जल भी दूषित हो गया है पास में ही स्लाटर हाउस है और स्लाटर हाउस का गंदा पानी भूमिगत जल में मिल गया है इसलिए लोग भूमिगत जल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं

ऐसा नहीं है कि जबलपुर में पानी की कोई समस्या हो नर्मदा नदी जबलपुर से होकर निकलती है और नर्मदा का पानी पूरे शहर में सप्लाई किया जाता है लेकिन इसके बावजूद इन इलाकों की पानी की समस्या राजनीतिक वजहों से नहीं निपट पा रही है ऐसा नहीं है कि यह लोग पानी का टैक्स नहीं देते इन लोगों ने हमें बकायदा वाटर टैक्स की रसीद दिखाई सवाल ये उठता है की आखिर इन लोगों को पानी जैसी मूलभूत जरूरत से महरूम क्यों रखा जा रहा है


Conclusion:यह सारी समस्याएं शहर की गरीब इलाकों की है शहर के अमीर जहां रहते हैं वहां तो पीने के पानी से बगीचे से सिच रहे हैं जबलपुर नगर निगम के पास पैसों की भी कमी नहीं है 100 करोड़ से ज्यादा नगर निगम के अकाउंट में अभी भी है लेकिन फिर भी यह लोग पीने के पानी को क्यों मौत आज हैं यह बताने के लिए नगर निगम में कोई अधिकारी नहीं है क्योंकि फिलहाल नगर निगम में होली की वजह से अधिकारियों ने आमद दर्ज नहीं करवाई है लोगों का कहना है की यदि चुनाव के पहले उनकी पानी की समस्या नहीं सुलझाई गई तो वह वोट नहीं डालेंगे
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