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प्रहलाद लोधी की सदस्यता पर सस्पेंस, सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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Published : Nov 7, 2019, 5:00 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 6:35 PM IST

पवई विधायक प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है. विशेष अदालत के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने लोधी की सदस्यता समाप्त कर दी थी.

पहलाद लोधी की सजा पर लगा स्टे

जबलपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह ने हाईकोर्ट में प्रहलाद लोधी की सजा को चुनौती दी थी, जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रहलाद लोधी को राहत देते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है, जिसमें प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है.

पहलाद लोधी की सजा पर लगा स्टे

रविनंदन सिंह का कहना है विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में जल्दबाजी की है, जो राजनीति से प्रेरित नजर आती है, जिस तरीके से प्रहलाद लोधी की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने की कार्रवाई की गई थी, वह भी संवैधानिक नहीं है और उसका अंतिम फैसला राज्यपाल कर सकता है न की चुनाव आयोग. रविनंदन सिंह ने कहा कि सजा में स्टे लगने से दो बातें स्पष्ट हो जाती हैं कि निचली अदालत ने जो सजा सुनाई थी, वह अंतिम नहीं है और जिस सजा के आदेश के आधार पर प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द की गई है, वह प्रक्रिया भी समाप्त मानी जाएगी.

बता दें कि पन्ना जिले के पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को तहसीलदार से मारपीट के एक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता को समाप्त कर चुनाव आयोग को सूचित किया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने भी प्रहलाद लोधी के निर्वाचन को शून्य कर दिया था. हाईकोर्ट की रोक के बाद निर्वाचन आयोग ने भी कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह ने हाईकोर्ट में प्रहलाद लोधी की सजा को चुनौती दी थी, जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रहलाद लोधी को राहत देते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है, जिसमें प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है.

पहलाद लोधी की सजा पर लगा स्टे

रविनंदन सिंह का कहना है विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में जल्दबाजी की है, जो राजनीति से प्रेरित नजर आती है, जिस तरीके से प्रहलाद लोधी की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने की कार्रवाई की गई थी, वह भी संवैधानिक नहीं है और उसका अंतिम फैसला राज्यपाल कर सकता है न की चुनाव आयोग. रविनंदन सिंह ने कहा कि सजा में स्टे लगने से दो बातें स्पष्ट हो जाती हैं कि निचली अदालत ने जो सजा सुनाई थी, वह अंतिम नहीं है और जिस सजा के आदेश के आधार पर प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द की गई है, वह प्रक्रिया भी समाप्त मानी जाएगी.

बता दें कि पन्ना जिले के पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को तहसीलदार से मारपीट के एक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता को समाप्त कर चुनाव आयोग को सूचित किया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने भी प्रहलाद लोधी के निर्वाचन को शून्य कर दिया था. हाईकोर्ट की रोक के बाद निर्वाचन आयोग ने भी कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कही है.

Intro:हाईकोर्ट ने प्रहलाद लोधी की जिला अदालत की सजा के आदेश पर स्टे मध्य प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह का कहना हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता बहाल


Body:जबलपुर पवई विधानसभा से विधायक प्रहलाद लोधी को मारपीट के एक मामले में भोपाल की एक अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी इस घटनाक्रम के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा ने प्रहलाद लोधी की विधायकी को समाप्त करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था चुनाव आयोग ने भी प्रहलाद लोधी के निर्वाचन को शून्य कर दिया था

प्रहलाद लोधी की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रहलाद लोधी की सजा को चुनौती दी थी इस मामले की सुनवाई के बाद आज कोर्ट ने प्रहलाद लोधी को राहत देते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया है जिसमें प्रहलाद लोधी की सजा पर स्टे लगा दिया गया है और इस मामले की अगली सुनवाई 2 महीने बाद 7 जनवरी के लिए निर्धारित की गई है रविनंदन सिंह का कहना है इस सजा में स्टे से दो बातें स्पष्ट हो जाती हैं कि निचली अदालत ने जो सजा सुनाई थी वह अंतिम नहीं है और जिस सजा के आदेश के आधार पर प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता को रद्द किया गया है वह प्रक्रिया भी समाप्त मानी जाएगी मतलब हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश को चुनाव आयोग के सामने पेश करने के बाद प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता को समाप्त करने का आदेश रद्द माना जाएगा

रविनंदन सिंह का कहना है विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में जल्दबाजी की है जो राजनीति से प्रेरित नजर आती है रविनंदन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिस तरीके से प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता को समाप्त करने की कार्यवाही की गई थी वह भी संवैधानिक नहीं है और उसका अंतिम फैसला राज्यपाल कर सकता है ना कि चुनाव आयोग


Conclusion:byte रविनंदन सिंह पूर्व महाधिवक्ता मध्यप्रदेश सरकार और प्रहलाद लोधी के वकील
Last Updated : Nov 7, 2019, 6:35 PM IST
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