जबलपुर। कैंट बोर्ड द्वारा टैक्स वसूली को लेकर ये मामला निर्वतमान पार्षद अमरचंद्र बाबरिया की ओर से दायर किया गया था. इसमें कहा गया था कि नियम अनुसार कैंट बोर्ड को प्रत्येक तीन साल में टैक्स का निर्धारण करना होता है. कैंट बोर्ड जबलपुर द्वारा तीन साल की बजाय पांच साल में टैक्स का निर्धारण किया जाता है. इस गुजर चुके दो साल के बढ़ाये गये टैक्स की वसूली बाद में कैंट बोर्ड द्वारा की जाती है.
बोर्ड के सीईओ से मिली थी निराशा : कैंट बोर्ड की गलती का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ता है. इस संबंध में पूर्व में दायर याचिका का निर्धारण करते हुए हाईकोर्ट ने कैंट बोर्ड के सीईओ के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिये थे. दायर याचिका में कहा गया था पूर्व में पारित आदेश का परिपालन करते हुए सीईओ के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया था. सीईओ ने धारा 80 में टैक्स संबंधित प्रावधानों का हवाला देते हुए अभ्यावेदन निरस्त कर दिया था, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई थी.
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अब दो सप्ताह बाद होगी सुनवाई : मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर न्यायालय ने टैक्स वसूली पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे. मामले में शुक्रवार को आगे हुई सुनवाई पर न्यायालय ने रोक को बरक