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एमपी में 2300 करोड़ की लागत से बनेंगी नई सड़कें, उज्जैन को इंदौर से सीधे कनेक्ट करेगा फोरलेन हाईवे - MOHAN YADAV APPROVAL 3 NEW ROADS

मोहन यादव सरकार ने मध्य प्रदेश में तीन सड़कों को मंजूरी दे दी है. तीनों सड़कें 2300 करोड़ से अधिक की लागत से बनाई जाएंगी. उज्जैन-इंदौर के बीच एक फोरलेन हाईवे बनाया जाएगा.

mohan yadav approval 3 new roads
मध्य प्रदेश में 2300 करोड़ की लागत से बनेगी तीन सड़कें (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 4, 2024, 6:09 PM IST

Updated : Dec 4, 2024, 7:20 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है. सिंहस्थ में उज्जैन और इसके आसपास के शहरों के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए तीन नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा. बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन तीन सड़कों को मंजूरी दे दी गई. उज्जैन और इंदौर के बीच फोरलेन हाईवे बनने से ट्रैफिक व्यवस्था और बेहतर होगी. कैबिनेट की बैठक में कई और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

इन तीन सड़कों को दी गई मंजूरी
सिंहस्थ को देखते हुए राज्य सरकार ने उज्जैन शहर का एक नया बायपास बनाने का निर्णय लिया है. यह बायपास 20 किलोमीटर का होगा. 4 लेन के इस बायपास पर 701 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी. इसे 2028 में होने वाले सिंहस्थ के पहले पूर्ण कर लिया जाएगा.

- इंदौर और उज्जैन के बीच 41 किलोमीटर की एक और नई सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस सड़क की खासियत यह होगी कि यह पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया से होकर गुजरेगी. साथ ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास से भी इसका रूट होगा. इससे इस सड़क के निर्माण से औद्योगिक क्षेत्र में भी गति आएगी. इसके लिए कैबिनेट ने 1370 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है.

- इसके अलावा देपालपुर और इंगोरिया के बीच 2 लेन की नई सड़क बनाई जाएगी. यह सड़क 32 किलोमीटर की होगी और इस पर 239 करोड़ खर्च होंगे. इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है.

2025 उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
प्रदेश की मोहन सरकार ने साल 2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने एमएसएमई, उद्योग विभाग के अलावा माइनिंग, ऊर्जा, उद्यानिकी सहित उद्योग क्षेत्र से जुड़े विभागों को साल भर गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए हैं. विभागों को जिम्मेदारी दी गई है कि प्रदेश में उनके विभागों से जुड़े उद्योग कैसे आएं और रोजगार के अवसर कैसे बढ़ें.

- बैठक में मुख्यमंत्री ने गीता जयंती को प्रदेश भर में धूमधाम से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं. 8 से 11 दिसंबर तक उज्जैन में और 11 दिसंबर को भोपाल सहित प्रदेश भर में इसका आयोजन किया जाएगा.

- मध्यप्रदेश में रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाए जाने के बाद राज्य सरकार ने माधव नेशनल पार्क की कार्ययोजना एक माह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए कि नेशनल पार्क में आने वाले ग्रामीणों को परेशानी न हो और नेशनल पार्क भी विकसित हो, इसके लिए एक माह में कार्ययोजना पूरी की जाए.
- प्रदेश में सोयाबीन और धान उपार्जन को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों की लगातार समीक्षा करने के निर्देश कैबिनेट की बैठक में दिए हैं. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि, ''26 अक्टूबर से शुरू हुए सोयाबीन के उपार्जन में अभी तक 77 हजार किसानों से 2 लाख 4 हजार मेट्रिक टन सोयाबीन का उपार्जन किया जा चुका है. इसी तरह धान का उपार्जन भी किया जा रहा है.''
- पार्वती और काली सिंध, चंबल नदी जोड़ो अभियान के इस 36 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इस प्रोजेक्ट को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू हो चुका है. इसमें प्रदेश के 11 जिले की 6 लाख हेक्टेयर की सिंचाई होगी और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध होगा.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है. सिंहस्थ में उज्जैन और इसके आसपास के शहरों के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए तीन नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा. बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन तीन सड़कों को मंजूरी दे दी गई. उज्जैन और इंदौर के बीच फोरलेन हाईवे बनने से ट्रैफिक व्यवस्था और बेहतर होगी. कैबिनेट की बैठक में कई और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

इन तीन सड़कों को दी गई मंजूरी
सिंहस्थ को देखते हुए राज्य सरकार ने उज्जैन शहर का एक नया बायपास बनाने का निर्णय लिया है. यह बायपास 20 किलोमीटर का होगा. 4 लेन के इस बायपास पर 701 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी. इसे 2028 में होने वाले सिंहस्थ के पहले पूर्ण कर लिया जाएगा.

- इंदौर और उज्जैन के बीच 41 किलोमीटर की एक और नई सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस सड़क की खासियत यह होगी कि यह पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया से होकर गुजरेगी. साथ ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास से भी इसका रूट होगा. इससे इस सड़क के निर्माण से औद्योगिक क्षेत्र में भी गति आएगी. इसके लिए कैबिनेट ने 1370 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है.

- इसके अलावा देपालपुर और इंगोरिया के बीच 2 लेन की नई सड़क बनाई जाएगी. यह सड़क 32 किलोमीटर की होगी और इस पर 239 करोड़ खर्च होंगे. इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है.

2025 उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
प्रदेश की मोहन सरकार ने साल 2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने एमएसएमई, उद्योग विभाग के अलावा माइनिंग, ऊर्जा, उद्यानिकी सहित उद्योग क्षेत्र से जुड़े विभागों को साल भर गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए हैं. विभागों को जिम्मेदारी दी गई है कि प्रदेश में उनके विभागों से जुड़े उद्योग कैसे आएं और रोजगार के अवसर कैसे बढ़ें.

- बैठक में मुख्यमंत्री ने गीता जयंती को प्रदेश भर में धूमधाम से मनाए जाने के निर्देश दिए हैं. 8 से 11 दिसंबर तक उज्जैन में और 11 दिसंबर को भोपाल सहित प्रदेश भर में इसका आयोजन किया जाएगा.

- मध्यप्रदेश में रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाए जाने के बाद राज्य सरकार ने माधव नेशनल पार्क की कार्ययोजना एक माह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए कि नेशनल पार्क में आने वाले ग्रामीणों को परेशानी न हो और नेशनल पार्क भी विकसित हो, इसके लिए एक माह में कार्ययोजना पूरी की जाए.
- प्रदेश में सोयाबीन और धान उपार्जन को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों की लगातार समीक्षा करने के निर्देश कैबिनेट की बैठक में दिए हैं. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि, ''26 अक्टूबर से शुरू हुए सोयाबीन के उपार्जन में अभी तक 77 हजार किसानों से 2 लाख 4 हजार मेट्रिक टन सोयाबीन का उपार्जन किया जा चुका है. इसी तरह धान का उपार्जन भी किया जा रहा है.''
- पार्वती और काली सिंध, चंबल नदी जोड़ो अभियान के इस 36 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इस प्रोजेक्ट को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू हो चुका है. इसमें प्रदेश के 11 जिले की 6 लाख हेक्टेयर की सिंचाई होगी और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध होगा.
Last Updated : Dec 4, 2024, 7:20 PM IST
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