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किसान आंदोलन को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का समर्थन - किसान आंदोलन

किसान आंदोलन के समर्थन में आए हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि मोदी सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

Shankaracharya Swaroopanand Saraswati
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
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Published : Feb 5, 2021, 7:05 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 7:13 PM IST

जबलपुर। हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी अब किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. जबलपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को कृषि कानून वापस लेने चाहिए.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि किसानों के मामले में केंद्र सरकार की हठधर्मिता ठीक नहीं है. केंद्र सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए. जब किसान नहीं चाह रहे हैं कि उनके लिए कोई नया कानून लाया जाए तो मोदी सरकार जबरन किसानों पर नए कानून क्यों थोप रही है.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसी तरीके से एक कानून गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए बनाया गया था. उस कानून के विरोध में धार्मिक संत इकट्ठे हुए थे और लोगों ने इस कानून को वापस करने की मांग की थी. तब मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए कानून वापस कर लिया था, तो ऐसा नहीं है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं किया जा सकता.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान उपद्रव नहीं मचा रहे हैं, बल्कि कुछ लोग जानबूझकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकने की जिम्मेदारी किसानों की नहीं बल्कि यह जिम्मेदारी सरकार की है.

स्वरूपानंद सरस्वती एक दिन पहले जबलपुर आए हैं और शुक्रवार को प्रयागराज के लिए निकल जाएंगे. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि मोदी सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

जबलपुर। हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी अब किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. जबलपुर पहुंचे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा किसानों की मांगें जायज हैं और सरकार को कृषि कानून वापस लेने चाहिए.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

हिंदू धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि किसानों के मामले में केंद्र सरकार की हठधर्मिता ठीक नहीं है. केंद्र सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए. जब किसान नहीं चाह रहे हैं कि उनके लिए कोई नया कानून लाया जाए तो मोदी सरकार जबरन किसानों पर नए कानून क्यों थोप रही है.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसी तरीके से एक कानून गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए बनाया गया था. उस कानून के विरोध में धार्मिक संत इकट्ठे हुए थे और लोगों ने इस कानून को वापस करने की मांग की थी. तब मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए कानून वापस कर लिया था, तो ऐसा नहीं है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं किया जा सकता.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान उपद्रव नहीं मचा रहे हैं, बल्कि कुछ लोग जानबूझकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकने की जिम्मेदारी किसानों की नहीं बल्कि यह जिम्मेदारी सरकार की है.

स्वरूपानंद सरस्वती एक दिन पहले जबलपुर आए हैं और शुक्रवार को प्रयागराज के लिए निकल जाएंगे. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि मोदी सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 7:13 PM IST
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