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टोल प्लाजा पर आ रही 'सर्वर प्रॉब्लम', फास्टैग भी नहीं कर रहा काम, लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर चालक

मध्यप्रदेश में टोल प्लाजा पर सर्वर और फास्टैग काम नहीं कर रहा है, ऐसे में वाहन मालिकों को लंबे समय तक परेशान होना पड़ रहा है. ट्रक चालक प्रदीप कुमार बताते हैं कि पूरे देश में सरवर ठीक है, पर जैसे ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हैं, तो यहां स्थित टोल नाकों में सरवर फास्टैग की समस्या से जूझना पड़ता है.

'Server problem' coming in toll plaza
टोल प्लाजा में आ रही है 'सर्वर प्रॉब्लम'
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Published : Sep 26, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 6:53 PM IST

जबलपुर। कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर ट्रेनें बंद हैं. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामान्य दिनों की अपेक्षा छोटे और बड़े वाहनों का दबाव अधिक है. लोग खुद के वाहनों से सफर कर रहे हैं. इसलिए वह फास्टैग का उपयोग नहीं करते हैं. जिसके चलते उन्हें दूसरी साइड की पर्ची नहीं मिल रही है. इसका फायदा टोल प्लाजा कर्मियों और संचालकों को होता है. शहर के आसपास स्थित टोल प्लाजा से निकलने वाले छोटे वाहनों के पास फास्टैग नहीं रहता. इसके लिए उन्हें केस लाइन में वाहन लगाना पड़ता है. जबकि टैक्सी परमिट वाली 60% कारों और 90 फ़ीसदी बड़े मालवाहक वाहनों और ट्रकों में ही फास्ट होता है. इतना ही नहीं कई बार जब सर्वर और फास्टैग काम नहीं करता है तो वाहन मालिकों को लंबे समय तक परेशान होता है. ट्रक चालक प्रदीप कुमार बताते हैं कि पूरे देश में सरवर ठीक है पर जैसे ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हैं तो यहां स्थित टोल नाकों में सरवर फास्टैग की समस्या से जूझना पड़ता है. कई बार तो यह होता है तो की घंटों तक उन्हें सर्वर डाउन होने के चलते लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है. वहीं सर्वर ठीक ना होने के चलते वाहन चालकों को केस में पेमेंट टोल नाके में करनी होती है.

'सर्वर प्रॉब्लम', फास्टैग भी नहीं कर रहा काम

ट्रक ड्राइवर ने कहा कि टोल नाके का सर्वर कभी डाउन रहता है. तो कभी वाहन के नंबर को ट्रैक नहीं कर पाता है. जिससे काफी देर तक खड़ा रहना पड़ता है. टोल नाके के कर्मचारी भी कुछ नहीं करते है. ट्रक ड्राइवर ने कहा कि मध्यप्रदेश के टोल नाकों पर सर्वर को लेकर बड़ी समस्या रहती है. जब वाहन चालक से पूछा गया कि उन्हें सर्वर डाउन की समस्या कहां कहां आती है तो चालक ने कहा कि उन्हे इस समस्या का हर जगह सामना करना पड़ता है. ट्रक चालक के मुताबिक दिल्ली से बैंगलौर और आंध्रा में सर्वर की समस्या नहीं आती है. लेकिन जैसे ही मध्य प्रदेश में प्रवेश करते हैं तभी सर्वर की प्रॉब्लम आने लगती है.

Toll operator
टोल नाका ऑपरेटर

टोल नाका संचालक अमित खम्परिया ने भी सर्वर की समस्या से सहमत है. उन्होंने कहा कि यह इंटरनेट का मामला है और सर्वर की समस्या होती होगी. टोल नाका संचालक ने कहा कि जब वह टोल नाके का अग्रिमेंट करते हैं. टोल नाके पर सर्वर की समस्या की जिम्मेदारी एनएचएआई की रहती है. उस खामी को दूर करते हैं. संचालक अमित खम्परिया ने कहा कि कई बार सर्वर डाउन होने की सबसे बड़ी वजह टेक्निकल फॉल्ट भी होता है. जिसकी वजह से कई बार सर्वर डाउन की प्रॉब्लम आती है. टोल नाका संचालक ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इंटरनेट के जरिय यदि सर्वर को लेकर समस्या आ रही है तो साल छ: महीने में इस पर रोक लग जाएगी.

अनलॉक के बाद सड़कों पर दौड़े रहे वाहन राष्ट्रीय और स्टेट हाइवे के राजमार्गो में स्थित टोल नाकों में सुधार नहीं हुआ है. आए दिन सर्वर डाउन और फास्टैग के रुक जाने से न सिर्फ वाहन चालक परेशान हो रहे है बल्कि कई बार तो लंबी-लंबी कतार तक लग जाती है. इतना ही नहीं सर्वर और फास्टैग ना होने से टूल संचालक वाहन चालकों से अधिक पैसे तक वसूल कर लेते हैं.

राष्ट्रीय और स्टेट हाईवे में चल रहे हैं ज्यादा वाहन

कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर ट्रेनें बंद है. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामान्य दिनों की अपेक्षा छोटे और बड़े वाहनों का दबाव अधिक है. लोग खुद के वाहनों से सफर कर रहे हैं. इसलिए वह फास्टेग का उपयोग नहीं करते है. जिसके चलते उन्हें दूसरी साइड की पर्ची नहीं मिल रही है. इसका फायदा टोल प्लाजा कर्मियों और संचालकों को होता है. शहर के आसपास स्थित टोल प्लाजा से निकलने वाले छोटे वाहनों के पास फास्ट्रेक नहीं रहता. इसके लिए उन्हें केस लाइन में वाहन लगाना पड़ता है. जबकि टैक्सी परमिट वाली 60% कारों और 90 फ़ीसदी बड़े मालवाहक वाहनों और ट्रकों में ही फास्ट होता है. इतना ही नहीं कई बार जब सर्वर और फास्टेग काम नहीं करता है तो वाहन मालिकों को लंबे समय तक परेशान होना पड़ता है. ट्रक चालक प्रदीप कुमार बताते हैं कि पूरे देश में सरवर ठीक है पर जैसे ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हैं तो यहां स्थित टोल नाकों में सरवर फास्टेग की समस्या से जूझना पड़ता है. कई बार तो यह होता है तो की घंटों तक उन्हें सर्वर डाउन होने के चलते लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है. वहीं सर्वर ठीक ना होने के चलते वाहन चालकों को केस में पेमेंट टोल नाके में करनी होती है.

एनएचएआई के अधिकारियों ने साधी चुप्पी

पूरे मध्यप्रदेश में टोल प्लाजा में सर्वर और फास्टट्रैक की समस्या से ज्यादातर वाहन चालक परेशान हैं. खासतौर पर बारिश के समय जब कांच में लगे फास्ट्रेक में बबल्स आ जाते हैं तब यह स्केन नहीं होता है ऐसे में फास्टेग काम नहीं करता. जिसके चलते वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं. इस पूरे मामले में हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. तो वहीं टोल प्लाजा संचालित कर रहे ठेकेदारों का कहना है कि निश्चित रूप से सर्वर और फास्टट्रैक की समस्याएं आती रहती हैं, जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों को बताया भी जाता है.

जबलपुर में तीन टोल प्लाजा संचालित
नेशनल हाईवे 7 पर सिहोरा टोल प्लाजा
20,000 वाहन निकलते हैं
11000 फास्टटेक वाले
9000 बिना फास्टेग वाले
15000 वाहन निकल रहे हैं वर्तमान में

नेशनल हाइवे 34 पर बहोरीपार टोल प्लाजा
15000 वाहन निकलते हैं
8000 फास्टैग वाले
7000 बिना फास्टैग वाले
वर्तमान में 10000 वाहन निकल रहे हैं

नेशनल हाइवे 12 पर बरेला टोल प्लाजा
10,000 वाहन निकलते हैं
6000 फास्टैग वाले
4000 बिना फास्टैग वाले

वर्तमान में रोजाना निकल रहे वाहन

पाटन राज्य मार्ग 37 पर 8000
कटंगी राजमार्ग 34 पर 10,000

इन मार्गो में है इतने टोल नाके

01 जबलपुर- कटनी
03 जबलपुर- सागर
02 जबलपुर-दमोह
02 जबलपुर- रहली
01 जबलपुर-नागपुर
02 जबलपुर- रायपुर
01 सिहोरा-मंझगवा
02 जबलपुर- कैंट

जबलपुर। कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर ट्रेनें बंद हैं. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामान्य दिनों की अपेक्षा छोटे और बड़े वाहनों का दबाव अधिक है. लोग खुद के वाहनों से सफर कर रहे हैं. इसलिए वह फास्टैग का उपयोग नहीं करते हैं. जिसके चलते उन्हें दूसरी साइड की पर्ची नहीं मिल रही है. इसका फायदा टोल प्लाजा कर्मियों और संचालकों को होता है. शहर के आसपास स्थित टोल प्लाजा से निकलने वाले छोटे वाहनों के पास फास्टैग नहीं रहता. इसके लिए उन्हें केस लाइन में वाहन लगाना पड़ता है. जबकि टैक्सी परमिट वाली 60% कारों और 90 फ़ीसदी बड़े मालवाहक वाहनों और ट्रकों में ही फास्ट होता है. इतना ही नहीं कई बार जब सर्वर और फास्टैग काम नहीं करता है तो वाहन मालिकों को लंबे समय तक परेशान होता है. ट्रक चालक प्रदीप कुमार बताते हैं कि पूरे देश में सरवर ठीक है पर जैसे ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हैं तो यहां स्थित टोल नाकों में सरवर फास्टैग की समस्या से जूझना पड़ता है. कई बार तो यह होता है तो की घंटों तक उन्हें सर्वर डाउन होने के चलते लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है. वहीं सर्वर ठीक ना होने के चलते वाहन चालकों को केस में पेमेंट टोल नाके में करनी होती है.

'सर्वर प्रॉब्लम', फास्टैग भी नहीं कर रहा काम

ट्रक ड्राइवर ने कहा कि टोल नाके का सर्वर कभी डाउन रहता है. तो कभी वाहन के नंबर को ट्रैक नहीं कर पाता है. जिससे काफी देर तक खड़ा रहना पड़ता है. टोल नाके के कर्मचारी भी कुछ नहीं करते है. ट्रक ड्राइवर ने कहा कि मध्यप्रदेश के टोल नाकों पर सर्वर को लेकर बड़ी समस्या रहती है. जब वाहन चालक से पूछा गया कि उन्हें सर्वर डाउन की समस्या कहां कहां आती है तो चालक ने कहा कि उन्हे इस समस्या का हर जगह सामना करना पड़ता है. ट्रक चालक के मुताबिक दिल्ली से बैंगलौर और आंध्रा में सर्वर की समस्या नहीं आती है. लेकिन जैसे ही मध्य प्रदेश में प्रवेश करते हैं तभी सर्वर की प्रॉब्लम आने लगती है.

Toll operator
टोल नाका ऑपरेटर

टोल नाका संचालक अमित खम्परिया ने भी सर्वर की समस्या से सहमत है. उन्होंने कहा कि यह इंटरनेट का मामला है और सर्वर की समस्या होती होगी. टोल नाका संचालक ने कहा कि जब वह टोल नाके का अग्रिमेंट करते हैं. टोल नाके पर सर्वर की समस्या की जिम्मेदारी एनएचएआई की रहती है. उस खामी को दूर करते हैं. संचालक अमित खम्परिया ने कहा कि कई बार सर्वर डाउन होने की सबसे बड़ी वजह टेक्निकल फॉल्ट भी होता है. जिसकी वजह से कई बार सर्वर डाउन की प्रॉब्लम आती है. टोल नाका संचालक ने उम्मीद जताते हुए कहा कि इंटरनेट के जरिय यदि सर्वर को लेकर समस्या आ रही है तो साल छ: महीने में इस पर रोक लग जाएगी.

अनलॉक के बाद सड़कों पर दौड़े रहे वाहन राष्ट्रीय और स्टेट हाइवे के राजमार्गो में स्थित टोल नाकों में सुधार नहीं हुआ है. आए दिन सर्वर डाउन और फास्टैग के रुक जाने से न सिर्फ वाहन चालक परेशान हो रहे है बल्कि कई बार तो लंबी-लंबी कतार तक लग जाती है. इतना ही नहीं सर्वर और फास्टैग ना होने से टूल संचालक वाहन चालकों से अधिक पैसे तक वसूल कर लेते हैं.

राष्ट्रीय और स्टेट हाईवे में चल रहे हैं ज्यादा वाहन

कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर ट्रेनें बंद है. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सामान्य दिनों की अपेक्षा छोटे और बड़े वाहनों का दबाव अधिक है. लोग खुद के वाहनों से सफर कर रहे हैं. इसलिए वह फास्टेग का उपयोग नहीं करते है. जिसके चलते उन्हें दूसरी साइड की पर्ची नहीं मिल रही है. इसका फायदा टोल प्लाजा कर्मियों और संचालकों को होता है. शहर के आसपास स्थित टोल प्लाजा से निकलने वाले छोटे वाहनों के पास फास्ट्रेक नहीं रहता. इसके लिए उन्हें केस लाइन में वाहन लगाना पड़ता है. जबकि टैक्सी परमिट वाली 60% कारों और 90 फ़ीसदी बड़े मालवाहक वाहनों और ट्रकों में ही फास्ट होता है. इतना ही नहीं कई बार जब सर्वर और फास्टेग काम नहीं करता है तो वाहन मालिकों को लंबे समय तक परेशान होना पड़ता है. ट्रक चालक प्रदीप कुमार बताते हैं कि पूरे देश में सरवर ठीक है पर जैसे ही मध्यप्रदेश में प्रवेश करते हैं तो यहां स्थित टोल नाकों में सरवर फास्टेग की समस्या से जूझना पड़ता है. कई बार तो यह होता है तो की घंटों तक उन्हें सर्वर डाउन होने के चलते लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है. वहीं सर्वर ठीक ना होने के चलते वाहन चालकों को केस में पेमेंट टोल नाके में करनी होती है.

एनएचएआई के अधिकारियों ने साधी चुप्पी

पूरे मध्यप्रदेश में टोल प्लाजा में सर्वर और फास्टट्रैक की समस्या से ज्यादातर वाहन चालक परेशान हैं. खासतौर पर बारिश के समय जब कांच में लगे फास्ट्रेक में बबल्स आ जाते हैं तब यह स्केन नहीं होता है ऐसे में फास्टेग काम नहीं करता. जिसके चलते वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं. इस पूरे मामले में हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. तो वहीं टोल प्लाजा संचालित कर रहे ठेकेदारों का कहना है कि निश्चित रूप से सर्वर और फास्टट्रैक की समस्याएं आती रहती हैं, जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों को बताया भी जाता है.

जबलपुर में तीन टोल प्लाजा संचालित
नेशनल हाईवे 7 पर सिहोरा टोल प्लाजा
20,000 वाहन निकलते हैं
11000 फास्टटेक वाले
9000 बिना फास्टेग वाले
15000 वाहन निकल रहे हैं वर्तमान में

नेशनल हाइवे 34 पर बहोरीपार टोल प्लाजा
15000 वाहन निकलते हैं
8000 फास्टैग वाले
7000 बिना फास्टैग वाले
वर्तमान में 10000 वाहन निकल रहे हैं

नेशनल हाइवे 12 पर बरेला टोल प्लाजा
10,000 वाहन निकलते हैं
6000 फास्टैग वाले
4000 बिना फास्टैग वाले

वर्तमान में रोजाना निकल रहे वाहन

पाटन राज्य मार्ग 37 पर 8000
कटंगी राजमार्ग 34 पर 10,000

इन मार्गो में है इतने टोल नाके

01 जबलपुर- कटनी
03 जबलपुर- सागर
02 जबलपुर-दमोह
02 जबलपुर- रहली
01 जबलपुर-नागपुर
02 जबलपुर- रायपुर
01 सिहोरा-मंझगवा
02 जबलपुर- कैंट

Last Updated : Sep 28, 2020, 6:53 PM IST
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