बालाघाट: दिवाली पर्व के बाद से ही ग्रामीण अंचलों में मंडई मेले का दौर जारी है. कई जगहों पर मंडई मेले के अवसर पर लोगों के मनोरंजन के लिए रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम की ज्यादा धूम रहती है, जो ग्रामीण अंचलों में काफी पसंद किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विशेष तौर पर अधिकांश धार्मिक स्थलों में मेले का आयोजन होता है. इसी कड़ी में परसवाड़ा क्षेत्र के बगलीपाठ धार्मिक स्थल में 3 दिवसीय विशाल मेले का आयोजन जारी है.
कार्तिक पूर्णिमा पर लगता है मेला
गौरतलब है कि सरेखा और सुरवाही के बीच बंजर नदी के घाट पर धार्मिक स्थल बगलीपाठ स्थित है. जहां तीन दिवसीय मेले के दौरान पहले दिन पूजा पाठ, दूसरे दिन भव्य मेले का आयोजन और तीसरे दिन समापन होता है. फिलहाल यहां विशाल मेले का आयोजन जारी है. आसपास के क्षेत्रीय के अलावा दूर दूर से आने वाले लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसी मान्यता है कि यहां लोगों की मन्नतें पूरी होती है. लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर कार्तिक पूर्णिमा के इस अवसर आते हैं. यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं.
यहां पढ़ें... कार्तिक पूर्णिमा: नर्मदा पर आस्था का सैलाब, बांद्राभान मेला की पौराणिक कथा भी बड़ी रोचक |
विदेशी सैलानी भी पहुंचते हैं यहां
ज्ञात हो कि यह स्थल विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क के समीप ही स्थित है. इसलिए इस मेले के आयोजन पर यहां विदेशी सैलानियों को भी देखा जाता है. हम यह कह सकते हैं कि इस विशाल मेले का आनन्द लेने आसपास के लोगों के अलावा निकटवर्ती जिलों से लोगों का हुजूम तो उमड़ता है. विदेशों से भी लोग इस मेले का आनन्द लेने यहां पहुंचते हैं. लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष अशोक मंडेलकर ने बताया,"मंडई मेले में भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इस अवसर पर लोग जमकर खरीददारी करते हैं. जिनमें प्रमुख रूप से मिठाइयां, सिंघाड़े, गन्ने, आदि के साथ साथ बच्चों के लिये कपड़े और खिलौने खरीदने का चलन ज्यादा है."