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अजब एमपी की बदहाल शिक्षा-व्यवस्था, स्कूली छात्राओं से करवाए जा रहे हैं बर्तन साफ - jabalpur news

बच्चों को अच्छी शिक्षा लेने के लिए ना जाने कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन क्या उन्होंने कभी सपने में भी सोचा होगा कि शिक्षा के मंदिर में उनसे उन्हीं के जूठे बर्तन साफ करवाए जाएंगे.

स्कूली छात्राओं से करवाए जा रहे हैं बर्तन साफ
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Published : Jul 13, 2019, 3:38 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में शिक्षा-व्यवस्था के हाल बेहाल हैं. जिस शिक्षा के मंदिर में देश का भविष्य तैयार होता है, वहां छात्र-छात्राओं को बर्तन साफ करने के गुर सिखाए जा रहे हैं. जिन हाथों में कलम होनी चाहिए, उन हाथों में स्कूल प्रबंधन ने बर्तन साफ करने की साम्रगी थमा दी है, जबकि ये बच्चे अच्छी शिक्षा के लिए घर से निकलते हैं, लेकिन इन नौनिहालों को पढ़ाई छोड़कर सारे काम सिखाए जा रहे हैं.

स्कूली छात्राओं से करवाए जा रहे हैं बर्तन साफ

स्कूल में बर्तन साफ करती ये छात्राएं वरगी विधानसभा के कछार स्थित शासकीय माध्यमिक शाला की हैं, जहां मध्याह्न भोजन के दौरान थाली धुलवाई जा रही है. जबकि मिड डे मील योजना के अंतर्गत ऐसा कोई नियम नहीं है कि बच्चों से भोजन की थाली धुलवाई जाये. स्कूल प्रबंधन की तानाशाही यहीं खत्म नहीं हुई, यहां तक कि बच्चों के सामने ये शर्त रखी जाती है कि पहले बर्तन साफ करो फिर मिलेगा भोजन.स्कूल प्रबंधन की मनमानी उजागर होने के बाद जब स्कूल अध्यक्ष से बात की गई, तो उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बच्चे खुद ही साफ हुई थाली को धो देते हैं.

वहीं जब इस बारे में स्कूल प्रधानाध्यापक राकेश पटेल से बात की गई, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधक द्वारा किसी भी बच्चे से भोजन की थालियां नहीं धुलवाई जातीं, जबकि वीडियो में ऐसा होता हुआ साफ दिख रहा है. दूसरी ओर इस गंभीर मामले में डीपीसी आरपी चतुर्वेदी का कहना है कि वो इस मामले में निरीक्षण करवाएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. हालांकि ऐसा पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी चरगवां के प्राथमिक स्कूल में कई बार देखने को मिला है. सवाल उठता है कि आखिर कब तक शिक्षा विभाग आश्वासन का झुनझुना थमाता रहेगा और नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा. ईटीवी भारत, मध्यप्रदेश

जबलपुर। मध्यप्रदेश में शिक्षा-व्यवस्था के हाल बेहाल हैं. जिस शिक्षा के मंदिर में देश का भविष्य तैयार होता है, वहां छात्र-छात्राओं को बर्तन साफ करने के गुर सिखाए जा रहे हैं. जिन हाथों में कलम होनी चाहिए, उन हाथों में स्कूल प्रबंधन ने बर्तन साफ करने की साम्रगी थमा दी है, जबकि ये बच्चे अच्छी शिक्षा के लिए घर से निकलते हैं, लेकिन इन नौनिहालों को पढ़ाई छोड़कर सारे काम सिखाए जा रहे हैं.

स्कूली छात्राओं से करवाए जा रहे हैं बर्तन साफ

स्कूल में बर्तन साफ करती ये छात्राएं वरगी विधानसभा के कछार स्थित शासकीय माध्यमिक शाला की हैं, जहां मध्याह्न भोजन के दौरान थाली धुलवाई जा रही है. जबकि मिड डे मील योजना के अंतर्गत ऐसा कोई नियम नहीं है कि बच्चों से भोजन की थाली धुलवाई जाये. स्कूल प्रबंधन की तानाशाही यहीं खत्म नहीं हुई, यहां तक कि बच्चों के सामने ये शर्त रखी जाती है कि पहले बर्तन साफ करो फिर मिलेगा भोजन.स्कूल प्रबंधन की मनमानी उजागर होने के बाद जब स्कूल अध्यक्ष से बात की गई, तो उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बच्चे खुद ही साफ हुई थाली को धो देते हैं.

वहीं जब इस बारे में स्कूल प्रधानाध्यापक राकेश पटेल से बात की गई, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधक द्वारा किसी भी बच्चे से भोजन की थालियां नहीं धुलवाई जातीं, जबकि वीडियो में ऐसा होता हुआ साफ दिख रहा है. दूसरी ओर इस गंभीर मामले में डीपीसी आरपी चतुर्वेदी का कहना है कि वो इस मामले में निरीक्षण करवाएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. हालांकि ऐसा पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी चरगवां के प्राथमिक स्कूल में कई बार देखने को मिला है. सवाल उठता है कि आखिर कब तक शिक्षा विभाग आश्वासन का झुनझुना थमाता रहेगा और नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा. ईटीवी भारत, मध्यप्रदेश

Intro:Exclusive
चरगवां के धरती कछार माध्यमिक शाला में थाली धो रही लाडलियाँ,
मध्याह्न भोजन के लिए थाली धोने पर मिलता है खाना,
स्व सहायता समूह होने के बावजूद बर्तन धोने की मिली जिम्मेदारी,
पढ़ाई छोड़कर छात्राओं को सिखाये जा रहे सारे काम,
शाला प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर,
शाला अध्यक्ष ने दी सफाई अब बच्चियों से नहीं धुलवाएँगे बर्तन,
शिक्षक के कहने पर धोने पड़ते हैं भोजन के लिए बर्तन,Body:Exclusive
एंकर- बच्चो को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें ना जाने किन किन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन क्या उन्होंने कभी सपने में भी सोचा होगा कि शिक्षा के मंदिर में उनसे उन्ही के झूंठे बर्तन मंझबाए जायेंगे। यह मामला पहला नहीं है पूर्व में भी बालक स्कूल चरगवा एवं प्रायमरी स्कूल छपरा सहित जिले भर के विभिन्न स्कूलों में इस तरह के वाक्य देखने को मिल चुके हैं। ऐसा ही आज हुआ। जिले के वरगी विधानसभा अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला धरती कछार में स्कूलों में मध्यान भोजन के दौरान बच्चों से ही झूठी थालियां धुलवाई जा रही है
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुसार प्रदेश भर में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों से थाली धुलवाए जाने का प्रावधान नहीं है, लेकिन बरगी विधानसभा अंतर्गत शहपुरा ब्लॉक के धरती कछार के स्कूल में बच्चों से खुलेआम खाना खाने से पहले और खाना खाने के पश्चात थालियां धुलवाई जा रही है। और नादान बच्चे शिक्षको के दवाव के कारण शिक्षा के मंदिर में भी बर्तन धोते नजर आ रहे हैं।
यही नहीं, बच्चों से शर्त के साथ कहा जा रहा है कि अगर भोजन करना है तो थाली भी धोनी पड़ेगी। स्थिति यह है कि जिम्मेदारों से शिकायत के बाद भी विद्यार्थियों से झूठी थाली साफ करवाना बंद नहीं किया जा रहा है। स्कूली बच्चों से मध्यान्ह भोजन की झूठी थाली धुलवाने का यह मामला शहपुरा ब्लॉक के ग्राम धरती कछार का है। यहां के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में मिलने वाले भोजन में विद्यार्थियों से ही थाली साफ करवाई जा रही है। इसके बाद स्कूल के प्रांगण में इन्हें भोजन दिया जाता है, बाद में इनसे थाली धुलवाई जा रही है।
स्कूल में पढऩे वाले बच्चे भी मजबूरन थाली धो रहे हैं।
वहीं मीनू के अनुसार बच्चो के लिए जो भोजन मिलना चाहिए मूंग की दाल, हरे/सुखे मटर,व चने की सब्जी की जगह समूह द्वारा पतली दाल और आलू टमाटर की सब्जी बच्चों कि थालियों में परोसी जा रही हैं। नन्हें छात्रों ने बताया कि हमें यही मिलता है, खाना तो पड़ेगा ही, वहीं कुछ बच्चे ने मुंह बिचकाते हुए आधा खाना थाली में ही छोड़ दिया और बाकी बच्चे भोजन से स्कूल के सामने की गली में डाल दिया गया।

जब इस सम्बंध में हमने स्कूल प्रधानाध्यपक राकेश पटेल से बात की तो उन्होंने लापरवाही के ऊपर पल्हा झाड़ते हुए गोलमोल तरीके से जबाव देते हुए कहा कि स्कूल प्रवंधक द्वारा किसी भी बच्चे से भोजन की थालियां नहीं धुलवाई जाती, जबकि फोटो और वीडियो के माध्यम से आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह मजबूरन बच्चो को बर्तन धोने पढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इस गंभीर मामले में डीपीसी आर.पी चतुर्वेदी का कहना है, कि इस मामले की मुझे आप से ही शिकायत प्राप्त हुई है। में निरीक्षण कर जांच करूंगा और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करुंगा

बाइट - सुनीता बाई अध्यक्षConclusion:बहरहाल अब देखना यह होगा कि इससे पहले भी बालक स्कूल चरगवा एवं प्रायमरी स्कूल छपरा में भी जूठे बर्तन धुलवाने एवं लापरवाही बर्तने बाले कर्मचारियों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई| अब इस मामले में डीपीसी साहब क्या कार्यवाही करते है या फिर हमेशा की तरह संज्ञान में लाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है।
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