जबलपुर। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, याचिका की अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की गई है.
- पेंशन पाने के लिए भटक रहा रिटायर्ड प्रोफेसर
याचिकाकर्ता वाई के बसंल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था, कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थे,और दिसम्बर 2019 में सेवानिवृत्त हो गए, रिटायर्ड होने के बाद उन्हें पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया गया, पेंशन व ग्रेच्युटी के लिए वह संबंधित अधिकारी के लगातार चक्कर काटता रहा, एक साल बाद अक्टूबर 2010 में बताया गया कि साल 2003 में सीआईडी द्वारा दर्ज किए गए प्रकरण में उसके खिलाफ जांच लंबित है, इसलिए उसे पेंशन व अन्य लाभ नहीं दिये जा सकते है.
- कोर्ट ने संबंधित विभाग को नोटिस भेजकर मांगा जवाब
याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा गया था, कि विवेचना के प्रकरण में पेंशन रोकने का कोई प्रावधान नहीं है, इसके अलावा उक्त प्रकरण में विवेचना समाप्त हो गई है, और विश्वविद्यालय पूर्व में हुई विभागीय जांच में उन्हें दोष मुक्त बता चुका है, प्रकरण में कुल 14 आरोपी थे,जिसमें से 10 को सेवानिवृत्त के बाद पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, याकिचाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पैरवी की.