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आजाद हिंद फौज को भूल गया 'हिंदुस्तान'- जीडी बख्शी

जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर पहुंचे रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी का है कि भारत में आजाद हिंद फौज के 26000 शहीद जवानों को देश अब भूल गया है.

Retired Major General GD Bakshi
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी
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Published : Mar 6, 2021, 4:16 AM IST

जबलपुर। जबलपुर के शहीद स्मारक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन में रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी शामिल हुए. जबलपुर में सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि, भारत में आजाद हिंद फौज के 26000 शहीद जवानों को देश अब भूल गया है. जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि भारत में 1947 के बाद से अब तक जितने भी युद्ध हुए हैं. उनमें मात्र 25800 सैनिक शहीद हुए हैं लेकिन आजाद हिंद फौज ने स्वतंत्रता की लड़ाई 26000 सैनिकों ने बलिदान दिया था, लेकिन पूरे देश में इन सैनिकों का एक भी मेमोरियल नहीं है. इनके नाम तक लोग नहीं जानते हैं. सरकार ने इन्हें भुला दिया है, इसके पीछे सोची समझी साजिश काम कर रही है.

आजाद हिंद फौज को भूल गया 'हिंदुस्तान'- जीडी बख्शी

अहिंसा से नहीं मिली आजादी- जीडी बक्शी

जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि भारत को यह सिखाया गया कि गांधी की अहिंसा से आजादी मिली है, लेकिन यह कहना सही नहीं है. क्योंकि भारत में आजादी पाने के लिए 26000 सैनिकों का बलिदान दिया था. जिसे इतिहास में जगह नहीं दी गई. जीडी बक्शी का कहना है कि लोगों ने गुलामी नहीं देखी यही वह भारत था, जहां भारतीयों को और कुत्तों को क्लबों में और होटलों में जाने की अनुमति नहीं थी. इसलिए लोगों को आज इस बात का अंदाजा नहीं है कि वह कैसा दौर था और लोग कितने परेशान थे.

62 के मुकाबले कमजोर हुआ है चीन

जीडी बक्शी का कहना है कि जिस तरीके से भारत ने अभी पाकिस्तान को और चीन को जवाब दिया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि चीन अब उतना ताकतवर नहीं है जितना पिछले चीनी युद्ध में था. चीन की सेना है अब भारत को आंख नहीं दिखा सकते, इसीलिए उन्हें अब पीछे हटना पड़ा है और चीन की दादागिरी नहीं चलेगी.

जबलपुर। जबलपुर के शहीद स्मारक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन में रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी शामिल हुए. जबलपुर में सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि, भारत में आजाद हिंद फौज के 26000 शहीद जवानों को देश अब भूल गया है. जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि भारत में 1947 के बाद से अब तक जितने भी युद्ध हुए हैं. उनमें मात्र 25800 सैनिक शहीद हुए हैं लेकिन आजाद हिंद फौज ने स्वतंत्रता की लड़ाई 26000 सैनिकों ने बलिदान दिया था, लेकिन पूरे देश में इन सैनिकों का एक भी मेमोरियल नहीं है. इनके नाम तक लोग नहीं जानते हैं. सरकार ने इन्हें भुला दिया है, इसके पीछे सोची समझी साजिश काम कर रही है.

आजाद हिंद फौज को भूल गया 'हिंदुस्तान'- जीडी बख्शी

अहिंसा से नहीं मिली आजादी- जीडी बक्शी

जनरल जीडी बक्शी का कहना है कि भारत को यह सिखाया गया कि गांधी की अहिंसा से आजादी मिली है, लेकिन यह कहना सही नहीं है. क्योंकि भारत में आजादी पाने के लिए 26000 सैनिकों का बलिदान दिया था. जिसे इतिहास में जगह नहीं दी गई. जीडी बक्शी का कहना है कि लोगों ने गुलामी नहीं देखी यही वह भारत था, जहां भारतीयों को और कुत्तों को क्लबों में और होटलों में जाने की अनुमति नहीं थी. इसलिए लोगों को आज इस बात का अंदाजा नहीं है कि वह कैसा दौर था और लोग कितने परेशान थे.

62 के मुकाबले कमजोर हुआ है चीन

जीडी बक्शी का कहना है कि जिस तरीके से भारत ने अभी पाकिस्तान को और चीन को जवाब दिया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि चीन अब उतना ताकतवर नहीं है जितना पिछले चीनी युद्ध में था. चीन की सेना है अब भारत को आंख नहीं दिखा सकते, इसीलिए उन्हें अब पीछे हटना पड़ा है और चीन की दादागिरी नहीं चलेगी.

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