जबलपुर। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 उपभोक्ताओं को बड़ी कंपनियों के खिलाफ लड़ने की ताकत देता है. हालांकि सरकार अब तक उपभोक्ता फोरम के पूरे पद नहीं भर पाई है.
डिजिटल कंपनियां भी फोरम की सीमा में
आजकल खरीदार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जाकर बड़ी तादाद में खरीदारी कर रहा है. कई बार ऐसा होता है कि वह ठगी का शिकार हो जाता है या फिर उसे जो दिखाया जाता था, वह नहीं मिलता था. ऐसी स्थिति में उपभोक्ता के पास उपभोक्ता फोरम में जाने का एक विकल्प है. हालांकि अभी बहुत कम तादाद में ही लोग बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में जा रहे हैं.
वित्तीय सीमा बढ़ाई गई
उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 में जिला उपभोक्ता फोरम की सीमाएं बनाई गई हैं. पहले यह फोरम मात्र 20 लाख रुपए तक के विवाद को सुन सकता था, लेकिन अब सीमा में भारी परिवर्तन किया गया है. जिला उपभोक्ता फोरम अब एक करोड़ रुपए तक के विवाद को हल करने के लिए अधिकृत है. वहीं एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक के मामले के लिए स्टेट फोरम और 10 करोड़ से ऊपर के मामले के लिए नेशनल फोरम जाने की जरूरत है. ज्यादातर मामले एक करोड़ से कम के होते हैं. इसलिए आम आदमी के लिए यह एक बड़ी सुविधा दी गई है.
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गलत विज्ञापन पर हर्जाना
2019 में उपभोक्ता संरक्षण का जो नया कानून आया है, उसमें यह बात स्पष्ट है कि अगर कोई कंपनी विज्ञापन में अपने उत्पाद के बारे में जो जानकारी दे रही है और उत्पाद में वह खूबी नहीं है, तो उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटा सकता है. ऐसे हालात में या तो कंपनी को यह साबित करना होगा कि उसने गलत विज्ञापन नहीं किया. अगर यह साबित हो गया कि विज्ञापन में कही गई बात अलग थी और उत्पाद में ऐसी खूबी नजर नहीं आ रही है, तो कंपनी को विज्ञापन बंद करना होगा. साथ ही उपभोक्ता को हर्जाना देना होगा.
क्षेत्राधिकार
ज्यादातर कंपनियों की सेवा शर्तों में यह बात सामने आती है कि कोई भी विवाद अमुक अदालत में ही सुना जा सकेगा, लेकिन नए कानून के तहत उपभोक्ता जिस क्षेत्र में रह रहा है, उसी क्षेत्र की अदालत का दरवाजा खटखटाने का अधिकार उसे दिया गया है. कंपनी को उसके क्षेत्र में आकर ही अपनी बात कहनी होगी. इससे उपभोक्ताओं को भटकना नहीं पड़ेगा.
नया कानून सरल
नया कानून उपभोक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण करता है. इसकी फीस भी बहुत कम है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी ठगी का शिकार हुए लोग अदालतों तक नहीं पहुंच रहे हैं. इसलिए कंपनियां मनमानी कर रही हैं.