भोपाल: मध्यप्रदेश की वरिष्ठ नेत्री और प्रदेश सरकार में मंत्री रहीं सविता वाजपेयी का 87 वर्ष की उम्र में भोपाल में निधन हो गया. सविता वाजपेयी 1977 में सीहोर से विधानसभा चुनाव जीती थीं. सविता वाजपेयी वे धारदार राजनेता थीं, जिन्होंने बदलते मुख्यमंत्रित्वकाल में भी मंत्रीपद की जिम्मेदारी बखूबी संभाली.
समाजसेवी के तौर पर भी किया काम
मीसाबंदी रही सविता वाजपेयी जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में तीन बार मंत्री चुनी गई थीं. सविता वाजपेयी ने राजनीति से फारिग होने के बाद समाजसेवी के तौर पर भी लंबे समय तक काम किया. वे पिछले लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं. उनके निधन पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया है.
जोशी, पटवा, सखलेचा हर मुख्यमंत्री के साथ रहीं मंत्री
सविता वाजपेयी ने गुरुवार सुबह चार बजे अंतिम सांस ली. सविता वाजपेयी 80 के दशक में तब चर्चा में आई थीं, जब 1977 के विधानसभा आम चुनाव में सीहोर से विधायक चुनी गई थीं. जनता पार्टी के 3 साल के कार्यकाल में तीन बार वे मंत्री रहीं. वे 18 महीने के करीब मीसाबंदी भी रहीं. सविता वाजपेयी जनता पार्टी शासन काल के तीनों मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, वीरेंद्र सकलेचा और सुंदरलाल पटवा के मंत्रिमंडल में क्रमशः राज्य मंत्री और मंत्री के पद पर रहीं.
18 महीने मीसाबंदी रहीं थीं सविता वाजपेयी
वह 18 महीने मीसाबंदी भी रही हैं. सविता वाजपेयी 1972-77 तक प्रोफेसर्स कॉलोनी के बच्चों में "आंटी" के रूप में प्रसिद्ध थीं. समाजसेवी एवं पत्रकार बालमुकुंद भारती की पत्नी सविता वाजपेयी की दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी श्रद्धा अग्रवाल स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, छोटी बेटी निष्ठा दुबे हैं. सविता वाजपेयी का अंतिम संस्कार भोपाल के भदभदा विश्राम घाट में किया जाएगा.
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सीएम मोहन यादव ने जताया शोक
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूर्व मंत्री और समाजसेवी सविता वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, ''ऐसे व्यक्तित्व मिसाल की तरह होते हैं. जिनका जीवन ही प्रेरणा होता है.''