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राम नहीं यहां रावण है पूज्यनीय, दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु - जबलपुर मुन्ना रावण पूजा

जबलपुर के पाटन में भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा करते हैं. वो भी बीते 20 सालों से वे रावण की पूजा करते आ रहे हैं. मुन्ना नामदेव अपने साथियों के साथ पंचमी से रावण की स्थापना करते हैं और फिर दशहरा के दिन विधि विधान से विसर्जन करते हैं.

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रावण
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Published : Oct 26, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 5:36 PM IST

जबलपुर। भगवान राम के करोड़ों भक्त आपने सुने होंगे. लेकिन जबलपुर में कुछ लोग ऐसे हैं जो भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा करते हैं. वो भी बीते 20 सालों से वे रावण की पूजा करते आ रहे हैं.

रावण की पूजा

दरअसल, जबलपुर के पाटन में मुन्ना नामदेव अपने साथियों के साथ 20 सालों से रावण की पूजा कर रहे हैं. मुन्ना नामदेव अपने साथियों के साथ पंचमी से रावण की स्थापना करते हैं और फिर दशहरा के दिन विधि विधान से विसर्जन करते हैं.

रामलीला में बनते थे रावण

1975 से लगातार रावण की स्थापना करने वाले मुन्ना नामदेव बताते हैं कि वह रामलीला में रावण की भूमिका अदा करते थे. इस दौरान रावण के ज्ञान को सुनते सुनते उन्होंने ठान लिया कि अब वो भी रावण की पूजा करेंगे. तभी से लेकर आज तक मुन्ना रावण की पूजा कर रहे हैं. मुन्ना को पाटन के अलावा जहां कही से भी बुलावा आता था तो वहां जाकर रामलीला में रावण का किरदार निभाते हैं. यही कारण है कि अब लोग मुन्ना को रावण और लंकेश के नाम से जानते हैं.

पंचमी से दशहरा तक होती है लंकेश की पूजा

मुन्ना के साथ उसके कई साथी भी हैं जो रावण के भक्त हैं. मुन्ना पंचमी से लेकर दशहरा तक रोजाना लंकेश की पूजा करते हैं. फिर दशहरा वाले दिन नर्मदा में उनका विसर्जन किया करते हैं. कोरोना ने रावण की ऊंचाई भी की कम कर दी है. मुन्ना नामदेव 1975 से हर साल रावण की प्रतिमा की स्थापना करते आ रहे हैं. पर इस साल कोरोना के चलते शासन की गाईडलाइन का मुन्ना ने पालन करते हुए कम ऊंचाई की मूर्ति की स्थापना की. आज रावण की प्रतिमा को देखने दूर दूर से सैकड़ों लोग आ रहे हैं.

जबलपुर। भगवान राम के करोड़ों भक्त आपने सुने होंगे. लेकिन जबलपुर में कुछ लोग ऐसे हैं जो भगवान राम के साथ-साथ रावण की भी पूजा करते हैं. वो भी बीते 20 सालों से वे रावण की पूजा करते आ रहे हैं.

रावण की पूजा

दरअसल, जबलपुर के पाटन में मुन्ना नामदेव अपने साथियों के साथ 20 सालों से रावण की पूजा कर रहे हैं. मुन्ना नामदेव अपने साथियों के साथ पंचमी से रावण की स्थापना करते हैं और फिर दशहरा के दिन विधि विधान से विसर्जन करते हैं.

रामलीला में बनते थे रावण

1975 से लगातार रावण की स्थापना करने वाले मुन्ना नामदेव बताते हैं कि वह रामलीला में रावण की भूमिका अदा करते थे. इस दौरान रावण के ज्ञान को सुनते सुनते उन्होंने ठान लिया कि अब वो भी रावण की पूजा करेंगे. तभी से लेकर आज तक मुन्ना रावण की पूजा कर रहे हैं. मुन्ना को पाटन के अलावा जहां कही से भी बुलावा आता था तो वहां जाकर रामलीला में रावण का किरदार निभाते हैं. यही कारण है कि अब लोग मुन्ना को रावण और लंकेश के नाम से जानते हैं.

पंचमी से दशहरा तक होती है लंकेश की पूजा

मुन्ना के साथ उसके कई साथी भी हैं जो रावण के भक्त हैं. मुन्ना पंचमी से लेकर दशहरा तक रोजाना लंकेश की पूजा करते हैं. फिर दशहरा वाले दिन नर्मदा में उनका विसर्जन किया करते हैं. कोरोना ने रावण की ऊंचाई भी की कम कर दी है. मुन्ना नामदेव 1975 से हर साल रावण की प्रतिमा की स्थापना करते आ रहे हैं. पर इस साल कोरोना के चलते शासन की गाईडलाइन का मुन्ना ने पालन करते हुए कम ऊंचाई की मूर्ति की स्थापना की. आज रावण की प्रतिमा को देखने दूर दूर से सैकड़ों लोग आ रहे हैं.

Last Updated : Oct 26, 2020, 5:36 PM IST
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