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निजी स्कूल संचालकों की हड़ताल, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कोर्ट में जाने की कही बात

जबलपुर में फीस बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर निजी स्कूलों ने स्कूल बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि निजी स्कूल हड़ताल खत्म कर स्कूल खोलें, नहीं तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

private school operators strike
निजी स्कूल संचालकों की हड़ताल
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Published : Jul 9, 2021, 11:09 PM IST

जबलपुर। निजी स्कूल संचालकों ने फीस की बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर दी है, यह हड़ताल स्कूल संचालकों ने स्कूल बंद कर की है, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने ईमेल के जरिए नोटिस भेजकर 48 घंटे में प्रस्तावित हड़ताल को रद्द किये जाने की बात कही है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने कहा है कि यदि समय अवधि में हड़ताल वापस लेने की घोषणा नहीं की जाती है, तो वह मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि निजी स्कूल एसोसिएशन का ये कहना गलत है कि हाईकोर्ट ने केवल सत्र 2020-21 के लिये ही ट्यूशन फीस लिये जाने का आदेश दिया था, जबकि माननीय न्यायालय ने अपने 4 नवंबर 2020 के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब तक कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस लेना या वृद्धि नहीं करना चाहिए.

निजी चैनल के द्वारा 'पूछता है भारत' शब्द का उपयोग करने पर इंदौर कोर्ट ने जारी किया नोटिस

डॉ नाजपांडे ने बताया कि सरकार को 29 जून को निजी स्कूलों को 10 फीसदी फीस बढ़ाने की दी गई स्वतंत्रता संबंधी आदेश वापस लेना पड़ा, क्योकि उस छूट संबंधी आदेश को 5 जुलाई को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी, आवेदकों का कहना है कि जनहित याचिका न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर निजी स्कूल एसोसिएशन को पक्षकार बनाया गया है, जिस पर उन्होंने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहिए न की हड़ताल करना चाहिए.

जबलपुर। निजी स्कूल संचालकों ने फीस की बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर दी है, यह हड़ताल स्कूल संचालकों ने स्कूल बंद कर की है, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने ईमेल के जरिए नोटिस भेजकर 48 घंटे में प्रस्तावित हड़ताल को रद्द किये जाने की बात कही है. नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने कहा है कि यदि समय अवधि में हड़ताल वापस लेने की घोषणा नहीं की जाती है, तो वह मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच का कहना है कि निजी स्कूल एसोसिएशन का ये कहना गलत है कि हाईकोर्ट ने केवल सत्र 2020-21 के लिये ही ट्यूशन फीस लिये जाने का आदेश दिया था, जबकि माननीय न्यायालय ने अपने 4 नवंबर 2020 के आदेश में स्पष्ट किया है कि जब तक कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस लेना या वृद्धि नहीं करना चाहिए.

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डॉ नाजपांडे ने बताया कि सरकार को 29 जून को निजी स्कूलों को 10 फीसदी फीस बढ़ाने की दी गई स्वतंत्रता संबंधी आदेश वापस लेना पड़ा, क्योकि उस छूट संबंधी आदेश को 5 जुलाई को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी, आवेदकों का कहना है कि जनहित याचिका न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर निजी स्कूल एसोसिएशन को पक्षकार बनाया गया है, जिस पर उन्होंने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहिए न की हड़ताल करना चाहिए.

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