जबलपुर। शहर में कोरोना काल में कुछ बदला हो या न बदला हो, लेकिन निजी अस्पतालों ने जरूर आपदा को अवसर में बदल लिया है. कोरोना मरीजों के इलाज की छूट मिलते ही प्राइवेट अस्पतालों के कमरों के रेट फाइव स्टार होटल के कमरों से भी महंगे हो गए हैं.
कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर हो रही लूट की खबर जब जिला प्रशासन को मिली, तो उन्होंने साफ कर दिया कि प्रशासन की तरफ से कोई भी रेट निर्धारित करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं. निजी अस्पतालों ने प्रशासन के छूट का कमाई का मौका तलाश लिया है और खुद से ही कोरोना मरीज के इलाज की रेट लिस्ट तय कर दी गई है. निजी अस्पतालों ने जनरल वार्ड में भर्ती होने वाले रोगियों के लिए प्रतिदिन कम से कम 8 हजार रुपये और आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए 20 हजार रुपये तक का रेट फिक्स किया गया है.
जब से लोगों के बीच यह जानकारी पहुंची, तो प्रशासन की शह पर निजी अस्पतालों द्वारा इलाज करने की भारी भरकम रेट लिस्ट तैयार करने पर विरोध किया जा रहा है. वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया की अगुवाई में नेताओं ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को एक लिखित आपत्ति सौंपी, जिसमें कोरोना मरीजों के साथ निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही लूट पर विरोध जताया गया.
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि निजी अस्पतालों द्वारा तय की गई रेट लिस्ट को प्रशासन ने कोई सहमति नहीं दी है. इस संबंध में निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इस महामारी के दौर में इंसानियत दिखाएं और गरीब मरीजों को भी ध्यान में रखकर कम मुनाफे में इलाज की सुविधा दिलवाएं. कलेक्टर ने कोरोना वायरस के मुफ्त इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में बेड और सुविधा जल्द से जल्द बढ़ाने का भी आश्वासन दिया है.