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अलग से काउंसिल बनाने की मांग को लेकर फिजियोथैरेपिस्ट ने की हड़ताल

जबलपुर में आज फिजियोथैरेपी को अलग से काउंसिल बनाए जाने की मांग को लेकर फिजियोथैरेपिस्ट कार्य बंद कर पूरा दिन हड़ताल पर रहे.

फिजियोथैरेपिस्ट की हड़ताल
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Published : Jul 7, 2019, 2:33 AM IST

जबलपुर। फिजियोथैरेपी काउंसिल बनाए जाने की मांग को लेकर शहर में आज फिजियोथैरेपिस्ट कार्य बंद कर पूरा दिन हड़ताल पर रहे. दरअसल प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपी पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत आती है. उसे अलग से चिकित्सा पध्दति का दर्जा प्राप्त नहीं हैं. जबकि अन्य प्रदेशों में फिजियोथेरेपी काउंसिल अलग है उसे विशेष दर्जा मिला हुआ है.

फिजियोथैरेपिस्ट की हड़ताल


मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में फिजियोथैरेपी पढ़ाई करने वाले छात्रों को डॉक्टर लिखने की आजादी है, लेकिन प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपिस्ट को पैरामेडिकल स्टाफ जैसा माना जाता है.


इसीलिए फिजियोथैरेपिस्ट ने हड़ताल कर सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार के एलोपैथिक मेडिसिन, आयुर्वैदिक मेडिसिन और होम्योपैथिक मेडिसिन के लिए अलग के काउंसिल बनाई गई है. उसी प्रकार से फिजियोथैरेपी को भी अलग से काउंसिल बनाई जाए, क्योंकि यह पद्धति भी दूसरे चिकित्सा पद्धति की तरह है और अपना वजूद रखती है. इसके जरिए लोगों को स्थाई इलाज दिया जा रहा है उसके बाद भी फिजियोथैरेपिस्ट को सम्मान प्राप्त नहीं है. फिजियोथैरेपिस्ट ने कहा कि फिजियोथैरेपी चिकित्सा की सरल और सस्ती पद्धति है सरकार को इस विषय में जरूर विचार करना चाहिए ताकि लोगों को सस्ता और सरल इलाज मिल सके.

जबलपुर। फिजियोथैरेपी काउंसिल बनाए जाने की मांग को लेकर शहर में आज फिजियोथैरेपिस्ट कार्य बंद कर पूरा दिन हड़ताल पर रहे. दरअसल प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपी पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत आती है. उसे अलग से चिकित्सा पध्दति का दर्जा प्राप्त नहीं हैं. जबकि अन्य प्रदेशों में फिजियोथेरेपी काउंसिल अलग है उसे विशेष दर्जा मिला हुआ है.

फिजियोथैरेपिस्ट की हड़ताल


मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में फिजियोथैरेपी पढ़ाई करने वाले छात्रों को डॉक्टर लिखने की आजादी है, लेकिन प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपिस्ट को पैरामेडिकल स्टाफ जैसा माना जाता है.


इसीलिए फिजियोथैरेपिस्ट ने हड़ताल कर सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार के एलोपैथिक मेडिसिन, आयुर्वैदिक मेडिसिन और होम्योपैथिक मेडिसिन के लिए अलग के काउंसिल बनाई गई है. उसी प्रकार से फिजियोथैरेपी को भी अलग से काउंसिल बनाई जाए, क्योंकि यह पद्धति भी दूसरे चिकित्सा पद्धति की तरह है और अपना वजूद रखती है. इसके जरिए लोगों को स्थाई इलाज दिया जा रहा है उसके बाद भी फिजियोथैरेपिस्ट को सम्मान प्राप्त नहीं है. फिजियोथैरेपिस्ट ने कहा कि फिजियोथैरेपी चिकित्सा की सरल और सस्ती पद्धति है सरकार को इस विषय में जरूर विचार करना चाहिए ताकि लोगों को सस्ता और सरल इलाज मिल सके.

Intro:जबलपुर में आज फिजियोथैरेपिस्ट ने हड़ताल की और कामकाज रखा बंद फिजियोथेरेपिस्ट की मांग की अलग से बनाए जाए फिजियोथैरेपी काउंसिलBody:जबलपुर आज फिजियोथैरेपिस्ट ने 1 दिन की हड़ताल रखी है दरअसल मध्यप्रदेश में फिजियोथैरेपी अभी भी पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत आती है और फिजियोथेरेपी को अलग से चिकित्सा पद्धति का दर्जा प्राप्त नहीं है जबकि देश के दूसरे प्रदेशों में फिजियोथेरेपी कि काउंसिल अलग है और फिजियो थेरेपी को विशेष दर्जा मिला हुआ है फिजियोथैरेपी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को डॉक्टर लिखने की आजादी है वहीं मध्यप्रदेश में फिजियोथैरेपिस्ट को अभी भी पैरामेडिकल स्टाफ जैसा ही माना जाता है इसी वजह से फिजियोथैरेपिस्ट ने 1 दिन की हड़ताल रखी है और सरकार से मांग की है कि जिस तरीके से एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेदिक मेडिसिन और हमें पैथिक मेडिसिन की काउंसिल बनाई गई है उसी तरीके से फिजियो थेरेपी की काउंसिल अलग बनानी चाहिए क्योंकि यह थेरेपी दूसरे चिकित्सा पद्धतियों की तरह है अपना वजूद रखती है और फिजियो थेरेपी से लोगों को स्थाई इलाज दिया जा रहा है लेकिन फिजियोथैरेपिस्ट को सम्मान प्राप्त नहीं है Conclusion:फिजियोथैरेपी चिकित्सा की सरल और सस्ती पद्धति है सरकार को इस विषय में जरूर विचार करना चाहिए ताकि लोगों को सस्ता और सरल इलाज मिल सके

बाइट डॉक्टर रोशन शर्मा फिजियोथैरेपिस्ट
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