जबलपुर। फिजियोथैरेपी काउंसिल बनाए जाने की मांग को लेकर शहर में आज फिजियोथैरेपिस्ट कार्य बंद कर पूरा दिन हड़ताल पर रहे. दरअसल प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपी पैरामेडिकल काउंसिल के अंतर्गत आती है. उसे अलग से चिकित्सा पध्दति का दर्जा प्राप्त नहीं हैं. जबकि अन्य प्रदेशों में फिजियोथेरेपी काउंसिल अलग है उसे विशेष दर्जा मिला हुआ है.
मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में फिजियोथैरेपी पढ़ाई करने वाले छात्रों को डॉक्टर लिखने की आजादी है, लेकिन प्रदेश में अभी भी फिजियोथैरेपिस्ट को पैरामेडिकल स्टाफ जैसा माना जाता है.
इसीलिए फिजियोथैरेपिस्ट ने हड़ताल कर सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार के एलोपैथिक मेडिसिन, आयुर्वैदिक मेडिसिन और होम्योपैथिक मेडिसिन के लिए अलग के काउंसिल बनाई गई है. उसी प्रकार से फिजियोथैरेपी को भी अलग से काउंसिल बनाई जाए, क्योंकि यह पद्धति भी दूसरे चिकित्सा पद्धति की तरह है और अपना वजूद रखती है. इसके जरिए लोगों को स्थाई इलाज दिया जा रहा है उसके बाद भी फिजियोथैरेपिस्ट को सम्मान प्राप्त नहीं है. फिजियोथैरेपिस्ट ने कहा कि फिजियोथैरेपी चिकित्सा की सरल और सस्ती पद्धति है सरकार को इस विषय में जरूर विचार करना चाहिए ताकि लोगों को सस्ता और सरल इलाज मिल सके.