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एमपी में हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में नियमित सुनवाई पर याचिका, फैसला सुरक्षित - एमपी हाईकोर्ट का फैसला

अधीनस्थ अदालतों में प्रकरणों की नियमित सुनवाई को लेकर दायर जनहित याचिका में एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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Published : Nov 25, 2020, 2:14 PM IST

जबलपुर। अधीनस्थ अदालतों में प्रकरणों की नियमित सुनवाई को लेकर दायर जनहित याचिका में आखिरकार एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. हालांकि चीफ जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिसपर फैसला बाद में आएगा.

  • धन्य कुमार जैन की याचिका पर सुनवाई

जबलपुर निवासी अधिवक्ता धन्य कुमार जैन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 के कारण मार्च 2020 से लॉकडाउन हो गया था, जिसके बाद अब 23 अक्टूबर को केन्द्र सरकार ने सभी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मियों की सौ फीसदी उपस्थिति का आदेश दिया है. इतना ही नहीं हवाई यात्रा से लेकर ट्रेन यात्रा भी शुरू हो चुकी है. कार्यालय भी खुल गए हैं, लेकिन न्यायालयों में नियमित सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे पक्षकारों व अधिवक्ताओं सहित अन्य को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. आवेदक का कहना है कि हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालय के करीब 50 हजार अधिवक्ता व उनका स्टाफ सहित न्यायालय परिसर में स्थित व्यवसायी व अन्य कर्मियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इतना ही नहीं जेल में बंदियों के हजारों प्रकरणों में भी सुनवाई नहीं हो पा रहीं है.

  • कोर्ट ने फैसले को रखा सुरक्षित

कोर्ट ने पूरे तथ्यों के साथ याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता धन्य कुमार जैन को सुना. तर्क पूरा होने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब अपना फैसला किसी भी दिन सुना सकता है. जिसके बाद तय होगा की हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में प्रकरणों की नियमित सुनवाई होगी या नहीं.

जबलपुर। अधीनस्थ अदालतों में प्रकरणों की नियमित सुनवाई को लेकर दायर जनहित याचिका में आखिरकार एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. हालांकि चीफ जस्टिस संजय यादव एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिसपर फैसला बाद में आएगा.

  • धन्य कुमार जैन की याचिका पर सुनवाई

जबलपुर निवासी अधिवक्ता धन्य कुमार जैन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 के कारण मार्च 2020 से लॉकडाउन हो गया था, जिसके बाद अब 23 अक्टूबर को केन्द्र सरकार ने सभी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मियों की सौ फीसदी उपस्थिति का आदेश दिया है. इतना ही नहीं हवाई यात्रा से लेकर ट्रेन यात्रा भी शुरू हो चुकी है. कार्यालय भी खुल गए हैं, लेकिन न्यायालयों में नियमित सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे पक्षकारों व अधिवक्ताओं सहित अन्य को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. आवेदक का कहना है कि हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालय के करीब 50 हजार अधिवक्ता व उनका स्टाफ सहित न्यायालय परिसर में स्थित व्यवसायी व अन्य कर्मियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इतना ही नहीं जेल में बंदियों के हजारों प्रकरणों में भी सुनवाई नहीं हो पा रहीं है.

  • कोर्ट ने फैसले को रखा सुरक्षित

कोर्ट ने पूरे तथ्यों के साथ याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता धन्य कुमार जैन को सुना. तर्क पूरा होने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब अपना फैसला किसी भी दिन सुना सकता है. जिसके बाद तय होगा की हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में प्रकरणों की नियमित सुनवाई होगी या नहीं.

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