जबलपुर। केंद्र सरकार ने आम बजट में सभी वर्ग को साधने की कोशिश की है. हालांकि, बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदे थीं. किसी ने इस बजट को 9 नंबर दिए, तो किसी ने जीरो. शहरवासियों का कहना है कि यह उद्योग और व्यापार को राहत देने वाला बजट है. वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने उन्हें निराश किया है. आम आदमी को इस बजट से राहत नहीं मिल रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सेठ का कहना है कि सरकार ने गरीब लोगों के लिए राहत की घोषणा नहीं की है. गरीबों के हिस्से में कुछ नहीं आया. लोगों को उम्मीद थी कि उनके खाते में सीधा पैसा पहुंचेगा, जिससे बाजार में खरीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. यह न केवल गरीबों के लिए बल्कि पूरे बाजार के लिए नुकसान दायक है.
होटल व्यवसायी राजू चावड़ा का कहना है कि सरकार को बैंक में लगने वाली फीस कम करनी चाहिए था. ट्रांजैक्शन के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा प्रावधान किया है, लेकिन अभी भी लोग ट्रांजैक्शन करने में लगने वाली फीस से परेशान हैं. बड़े लेन-देन में उन्हें घाटा होता है.
व्यापारी संघ अध्यक्ष दीपक सेठी का कहना है कि आम बजट से उन्हें राहत की उम्मीद थीं. कोरोना वायरस के समय होटल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई. धीरे-धीरे यह पटरी पर आ रही है. अगर यह पूरी तरह पटरी पर आ जाती है, तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा और सरकार को राजस्व, लेकिन इसके लिए सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए.