जबलपुर। संस्कराधानी जबलपुर नर्मदा किनारे बसा हुआ है, मां नर्मदा की असीम कृपा इस शहर में होने के बाद भी जबलपुर का बहुत सा इलाका ऐसा है जो कि नर्मदा मां के रहते भी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता रहता है, ऐसा ही हाल है जबलपुर के सिद्ध बाबा वार्ड की जहां पानी के लिए यहां के रहवासी रोजाना जद्दोजहद करते हैं.
बूंद-बूंद पानी के लिए रोजाना जल्द होती है सुबह
सिद्ध बाबा वार्ड में पानी की ये विकराल समस्या बीते कई सालों से बनी है. स्थानीय लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से भी पानी की समस्या को लेकर गुहार लगाई पर नतीजा कुछ नहीं निकला, लिहाजा सालों से चली आ रही पानी की परेशानी आज भी जस की तस है. यहां रहने वाले लोग रोजाना सुबह 5 बजे उठाकर डिब्बों और लोटो के माध्यम से दो वक्त के पानी का इंतजाम करने में जुट जाते हैं.
जबलपुर शहर की पानी को लेकर वास्तविकता
सिद्ध बाबा वार्ड के जिस स्थान पर पानी की समस्या है, वहां पर करीब तीन सौ परिवार रहते है, यहां जब ठंड में ये हालात है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी में ये समस्या कितनी विकराल होती होगी. रोजाना यहां रहने वाले लोग डिब्बों को लाइन में लगाकर पहले तो पानी आने का इंतजार करते है और जब पानी आता है, वह भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है.
पानी की टंकी है स्वीकृत, पर नहीं बनी
स्थानीय निवासी दीपक नाहर बताते हैं कि सिद्धबाबा वार्ड के ज्यादातर इलाके में पानी की समस्या इसी तरह की बनी हुई है, नगर निगम ने पानी की टंकी स्वीकृत की है पर न जाने वो फाइल नगर निगम में कहा दब कर रह गई है.स्थानीय लोगों की माने तो दो डिब्बे पानी भरने के लिए घण्टों तक बैठना पड़ता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि जब तक पानी भरने का नंबर आता है तब तक नल बंद हो जाता है.
निगम कमिश्नर ने दिया जल्द व्यवस्था का आश्वासन
पानी की जद्दोजहद की तस्वीर नगर निगम कमिश्नर अनूप सिंह ने भी देखी लिहाजा उन्होंने तुरंत ही जल विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मौके पर जाकर वहां की स्थिति देखें और पानी की इस विकराल समस्या को दूर करें.
मौके पर पहुंचे जल विभाग के अधिकारी
नगर निगम कमिश्नर के निर्देश पर सिद्धबाबा वार्ड जल विभाग के कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ पहुंचे और इस व्यवस्था में जुट गए कि आखिर कैसे पानी की परेशानी को दूर किया जाए. साथ ही अब ये भी देखा जा रहा है कि जब सिद्धबाबा वार्ड में पानी की टंकी स्वीकृत हो गई थी तो वो फाइल कहा जाकर अटक गई.
ये स्थिति सिर्फ सिद्धबाबा वार्ड की नहीं है, भले ही जबलपुर शहर के अन्य कई इलाकों की परेशानी है. शहर के अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पर पानी कि इस तरह से समस्या आती रहती है. कहा जा सकता है कि अगर प्रशासन और नगर निगम ने इस जल्द से जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हो सकता लोग पानी के लिए सड़कों पर उतरना शुरू कर दें.