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दो दिनों तक हुई बारिश थमी, लोगों को हुआ भारी नुकसान

जबलपुर शहर में 72 घंटे लगातार हुई बारिश थम गई है, जिसकी वजह से अब तक 39 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है. हालांकि झमाझम बरसात के चलते लोगों का काफी हद तक नुकसान हुआ है.

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Published : Aug 31, 2020, 4:02 AM IST

people faced problem due to heavy rainfall
भारी वर्षा से लोगों को हुई समस्या

जबलपुर। शहर में बीते 2 दिनों में लगातार भारी वर्षा हुई है, जिसके चलते नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. अब नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है. यही वजह है कि पूर्व में बरगी बांध के कुल 11 गेट खोले गए, जिसके जरिए 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो शनिवार को लगभग ढाई लाख क्यूसेक था.

बारिश थमने के बाद पटरी पर आता जनजीवन

बरगी बांध का जलस्तर 422 मीटर पर पहुंच गया है, जिससे पानी की आवक भी कुछ कम हो गई है. इसलिए जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. बढ़े हुए जलस्तर की वजह से लोगों का आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया था. ग्वारी घाट में कई लोगों के घर डूब गए थे. घाट किनारे लगने वाली कई दुकानें भी इसकी चपेट में आ गई थी. हालांकि अब पानी तो कम हो गया है, लेकिन दुकानों में भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके चलते दुकानदार अपनी दुकानों की साफ-सफाई करने में लगे हुए हैं. दुकानदारों का कहना है कि 2020 में यह दूसरी बार है, जब उनकी दुकानें नर्मदा नदी के उफान में डूब गई हैं.

लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार को लेकर यहां बड़ी समस्या आती है, क्योंकि परिवारजनों को मटमैला पानी से होकर नर्मदा नदी को पार करना पड़ता है. परंपरा की वजह से जान जोखिम में डालकर मजबूरन ये रास्ता तय करना पड़ता है. फिलहाल, शहर में आफत की बारिश रुक गई है, मगर अभी भी पिछले साल की तुलना में 8 इंच बारिश कम दर्ज की गई है. 2019 में इन दिनों तक 45 इंच बारिश हो चुकी थी, जो कि वर्तमान में केवल 37 इंच हुई है.

जबलपुर। शहर में बीते 2 दिनों में लगातार भारी वर्षा हुई है, जिसके चलते नदी-नाले उफान पर आ गए हैं. अब नर्मदा नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है. यही वजह है कि पूर्व में बरगी बांध के कुल 11 गेट खोले गए, जिसके जरिए 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो शनिवार को लगभग ढाई लाख क्यूसेक था.

बारिश थमने के बाद पटरी पर आता जनजीवन

बरगी बांध का जलस्तर 422 मीटर पर पहुंच गया है, जिससे पानी की आवक भी कुछ कम हो गई है. इसलिए जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. बढ़े हुए जलस्तर की वजह से लोगों का आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया था. ग्वारी घाट में कई लोगों के घर डूब गए थे. घाट किनारे लगने वाली कई दुकानें भी इसकी चपेट में आ गई थी. हालांकि अब पानी तो कम हो गया है, लेकिन दुकानों में भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इसके चलते दुकानदार अपनी दुकानों की साफ-सफाई करने में लगे हुए हैं. दुकानदारों का कहना है कि 2020 में यह दूसरी बार है, जब उनकी दुकानें नर्मदा नदी के उफान में डूब गई हैं.

लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार को लेकर यहां बड़ी समस्या आती है, क्योंकि परिवारजनों को मटमैला पानी से होकर नर्मदा नदी को पार करना पड़ता है. परंपरा की वजह से जान जोखिम में डालकर मजबूरन ये रास्ता तय करना पड़ता है. फिलहाल, शहर में आफत की बारिश रुक गई है, मगर अभी भी पिछले साल की तुलना में 8 इंच बारिश कम दर्ज की गई है. 2019 में इन दिनों तक 45 इंच बारिश हो चुकी थी, जो कि वर्तमान में केवल 37 इंच हुई है.

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