जबलपुर। एक ओर पूरी दुनिया में कोरोना महामारी कोहराम मचा रहा है. वहीं दूसरी ओर कोरोना ने लोगों को साफ-सफाई से रहना सिखा दिया है. यही वजह है कि छोटी-छोटी बस्तियों के मकान, झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग भी साफ सफाई का विशेष ध्यान रख रहे हैं. लिहाजा कोविड-19 के बीच सफाई से रहने में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में पिछले साल की तुलना में इस साल खासी कमी देखी जा रही है. इन बीमारियों में कमी आने की एक मुख्य वजह ये भी है कि लोगों ने अब साफ सफाई को अपनी आदत में शुमार कर लिया है.
लोग हुए जागरूक, सफाई को रोजमर्रा में किया शामिल
आज गांव या शहर में कई लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं. जहां हर कोई सफाई को लेकर बहुत ही गंभीर हो गया है. घरों के भीतर जाने से पहले साबुन से हाथ धोना, नहाना, घरों को सफाई से रखना इन तमाम कार्यों को लोगों ने अपनी आदत में शामिल कर लिया है. जिसकी वजह से आज मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारी के मामलों में काफी कमी देखी जा रही है.
मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी में आई कमी
जबलपुर जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर अजय कुरील बताते हैं कि कोरोना वायरस ने लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया है. झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोग सफाई के साथ रह रहे हैं. इसके चलते मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के केसों में खासा कमी दर्ज की गई है.
बीते साल की अपेक्षा कम आ रहे मरीज
मलेरिया अधिकारी ने कहा कि साल 2019 में जहां 94 केस मलेरिया के, 393 केस डेंगू के और 239 केस चिकनगुनिया के दर्ज किए गए थे. वहीं इस साल लोगों की जागरूकता और सफाई के कारण इन केसों में काफी कमी आई है. सितंबर 2020 तक मलेरिया के 21, डेंगू के 28 और चिकनगुनिया के 31 मामले अभी तक सामने आए हैं, जो कि बीते साल की अपेक्षा काफी कम हैं.
बीमारियों की रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ता तैनात
कोरोना के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार ने अब आशा कार्यकर्ताओं को भी तैनात कर दिया है. सरकार द्वारा स्थापित फीवर क्लीनिक में आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है, जो कि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की स्लाइड बनाया करेंगे. इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
आशा कार्यकर्ता मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के ले रहीं सैंपल
आशा कार्यकर्ता कोरोना फीवर में कोरोना वायरस के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का भी सैंपल लेंगे, जिसके एवज में आशा कार्यकर्ताओं को प्रति स्लाइड के 15 रुपए मिलेंगे. इसके अलावा अगर कोई मलेरिया या डेंगू पॉजिटिव आता है तो उसके इलाज के लिए सौ रुपए सरकार आशा कार्यकर्ता को देगी.
अगर हम मलेरिया, डेंगू और चुकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचने के उपाय की बात करें, तो इन बीमारियों से सावधानी रखने से बचा जा सकता है. जिसके लिए सरकार लगातार सभी को जागरुक करने का काम भी कर रही है.
ऐसे करें बचाव-
⦁ सप्ताह में एक बार पानी की टंकी धूप में सुखाएं
⦁ छत पर या घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा ना होने दें
⦁ पानी के बर्तन या टंकियों को ढक्कर रखें
⦁ अगर घर में कूलर का उपयोग करते हैं तो सप्ताह में एक बार उसे अवश्य साफ करें
⦁ छत पर खराब टायर या टूटे हुए बर्तन सामान ना रखें.
कोरोनाकाल ने साफ-सफाई को लोगों की आदत में ला दिया है, जिससे आज सभी लोग सफाई का खासा ध्यान रख रहे हैं. साथ ही किसी भी कार्य को करने से पहले और करने के बाद अपना हाथ सैनिटाइज करना नहीं भूल रहे हैं. इसी का परिणाम है कि पिछले साल की तुलना में इस साल मलेरिया, डेंगू और चुकनगुनिया जैसी बीमारियों में कमी आई है.