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बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का विरोध,मंगलवार को सड़कों पर होगा आंदोलन - बिजली के दामों में 10% बढ़ोतरी

एमपी में बिजली के 10% बढ़ी हुई दरों को लेकर आज शहर में एक मीटिंग बुलाई गई,जिसमें मंगलवार को इस फैसले के विरोध को लेकर चर्चा हुई.

बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का विरोध,मंगलवार को सड़कों पर होगा आंदोलन
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Published : Aug 18, 2019, 3:07 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में जनता के साथ चुनावी सालों को छोड़कर बाकि के सालों में लगातार बिजली के दाम बढ़ते जा रहे है,नियामक आयोग की सहमति पर बिजली कंपनियों ने बिजली के दामों में 10% बढ़ोतरी कर दी है आज से बढ़े हुए दाम भी लागू हो गए हैं अगले महीने से बिजली बिल 10% ज्यादा आएंगे , गौरतलब बात यह है बिजली कंपनियों के दाम बढ़ाने के इतिहास को यदि हम देखे हैं तो एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि विद्युत नियामक आयोग एक बोनी संस्था है और इस संस्था का जनता से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि बीते 7 सालों में बिजली के दाम 35 % तक बड़े हैं , 7 सालों में केवल 3 साल ऐसे हैं जब बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई.

बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का विरोध,मंगलवार को सड़कों पर होगा आंदोलन

चुनाव के समय सिर्फ बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं की जाती थी, बिजली कंपनियां जनता के लाभ हानि देखने की बजाय सरकार की लाभ हानि देखती है,जनता को लुटती हैं जबलपुर की कई समाजसेवी संगठनों ने आज एक बैठक की और यह फैसला किया है कि बिजली की बढ़ी हुई दरों का विरोध किया जाएगा और मंगलवार को सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा गौरतलब बात यह है कि पूरे प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं लेकिन इस संगठित लूट का विरोध कहीं नहीं हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश देश में सबसे महंगी बिजली देने वाला प्रदेश बन गया है

जबलपुर। मध्यप्रदेश में जनता के साथ चुनावी सालों को छोड़कर बाकि के सालों में लगातार बिजली के दाम बढ़ते जा रहे है,नियामक आयोग की सहमति पर बिजली कंपनियों ने बिजली के दामों में 10% बढ़ोतरी कर दी है आज से बढ़े हुए दाम भी लागू हो गए हैं अगले महीने से बिजली बिल 10% ज्यादा आएंगे , गौरतलब बात यह है बिजली कंपनियों के दाम बढ़ाने के इतिहास को यदि हम देखे हैं तो एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि विद्युत नियामक आयोग एक बोनी संस्था है और इस संस्था का जनता से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि बीते 7 सालों में बिजली के दाम 35 % तक बड़े हैं , 7 सालों में केवल 3 साल ऐसे हैं जब बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई.

बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का विरोध,मंगलवार को सड़कों पर होगा आंदोलन

चुनाव के समय सिर्फ बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं की जाती थी, बिजली कंपनियां जनता के लाभ हानि देखने की बजाय सरकार की लाभ हानि देखती है,जनता को लुटती हैं जबलपुर की कई समाजसेवी संगठनों ने आज एक बैठक की और यह फैसला किया है कि बिजली की बढ़ी हुई दरों का विरोध किया जाएगा और मंगलवार को सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा गौरतलब बात यह है कि पूरे प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं लेकिन इस संगठित लूट का विरोध कहीं नहीं हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश देश में सबसे महंगी बिजली देने वाला प्रदेश बन गया है

Intro:मध्यप्रदेश में जनता के साथ छल चुनावी सालों को छोड़कर बीते 7 सालों में हर साल बढ़ाई गई बिजली की दरें 10% बढ़ी हुई दरें मध्य प्रदेश में लागू मंगलवार को जबलपुर में विरोध प्रदर्शनBody:मध्य प्रदेश नियामक आयोग की सहमति पर बिजली कंपनियों ने बिजली के दामों में 10% बढ़ोतरी कर दी है आज से बढ़े हुए दाम भी लागू हो गए हैं अगले महीने से बिजली बिल 10% ज्यादा आएंगे गौरतलब बात यह है बिजली कंपनियों के दाम बढ़ाने के इतिहास को यदि हम देखे हैं तो एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि विद्युत नियामक आयोग एक बोनी संस्था है और इस संस्था का जनता से कोई सरोकार नहीं है क्योंकि बीते 7 सालों में बिजली के दाम 35 %तक बड़े हैं 7 सालों में केवल 3 साल ऐसे हैं जब बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई वह 2013 2014 और 2018 वजह बिल्कुल स्पष्ट है इन्हीं सालों में राज्य और केंद्र सरकार के चुनाव हुए हैं और जनता सरकार के खिलाफ ना जाए इसलिए बिजली दरों को नहीं बढ़ाया गया इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है की बिजली कंपनियां जनता के लाभ हानि देखने की बजाय सरकार की लाभ हानि देखती है और जनता को लुटती है जबलपुर की कई समाजसेवी संगठनों ने आज एक बैठक की और यह फैसला किया है कि बिजली की बढ़ी हुई दरों का विरोध किया जाएगा और मंगलवार को सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा गौरतलब बात यह है कि पूरे प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं लेकिन इस संगठित लूट का विरोध कहीं नहीं हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश देश में सबसे महंगी बिजली देने वाला प्रदेश बन गया हैConclusion:रजत भार्गव आम नागरिक मित्र मंडल
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