जबलपुर। मध्यप्रदेश में जनता के साथ चुनावी सालों को छोड़कर बाकि के सालों में लगातार बिजली के दाम बढ़ते जा रहे है,नियामक आयोग की सहमति पर बिजली कंपनियों ने बिजली के दामों में 10% बढ़ोतरी कर दी है आज से बढ़े हुए दाम भी लागू हो गए हैं अगले महीने से बिजली बिल 10% ज्यादा आएंगे , गौरतलब बात यह है बिजली कंपनियों के दाम बढ़ाने के इतिहास को यदि हम देखे हैं तो एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि विद्युत नियामक आयोग एक बोनी संस्था है और इस संस्था का जनता से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि बीते 7 सालों में बिजली के दाम 35 % तक बड़े हैं , 7 सालों में केवल 3 साल ऐसे हैं जब बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई.
चुनाव के समय सिर्फ बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं की जाती थी, बिजली कंपनियां जनता के लाभ हानि देखने की बजाय सरकार की लाभ हानि देखती है,जनता को लुटती हैं जबलपुर की कई समाजसेवी संगठनों ने आज एक बैठक की और यह फैसला किया है कि बिजली की बढ़ी हुई दरों का विरोध किया जाएगा और मंगलवार को सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा गौरतलब बात यह है कि पूरे प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं लेकिन इस संगठित लूट का विरोध कहीं नहीं हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश देश में सबसे महंगी बिजली देने वाला प्रदेश बन गया है