जबलपुर। जबलपुर में अचानक से कोरोना वायरस की रफ्तार कम हो गई है. पहले जहां रोज 200 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे थे. अब यह संख्या 70 के करीब संख्या रह गई है. हालांकि इस बात की चिंता है कि कहीं प्रशासन जानबूझकर पॉजिटिव मरीजों की संख्या तो नहीं छुपा रहा है. इस मामले में जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा कि यह बात गलत है कि सैंपलिंग कम हो रही है, बीते दिन भी सैंपल भेजे गए थे, इनमें से मात्र 64 लोग ही पॉजिटिव निकल कर आए हैं.
कलेक्टर ने जानकारी दी है कि बीते 2 महीनों में 80 हजार से ज्यादा सैंपल भेजे गए हैं. सैंपलिंग कम नहीं की गई, अगर मरीज कम निकल रहे हैं तो इसे प्रशासन अपनी सफलता मान रहा है. कलेक्टर का कहना है कि बीते कुछ दिनों से पूरा समाज एक तरीके से कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक सामुहिक प्रयास कर रहा था और इसमें प्रशासनिक कोशिशें की गईं. इसकी वजह से कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगा है.
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कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने उस अस्पताल का भी जायजा लिया, जहां कोरोना की वजह से पहली मौत हुई थी. यह इलाका जबलपुर का मोती नाला के आसपास का इलाका है. जो बहुत ही घनी बस्ती है. यहां लोग ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क लगा रहे हैं. वहीं इसी अस्पताल में काम करने वाली डॉक्टर चौधरी का कहना है कि वह दिन में लगभग 30 से 35 मरीजों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजती हैं, इनमें ज्यादातर मरीज वो होते हैं जो या तो फेफड़ों की बीमारी से परेशान हैं या फिर जिन्हें टीवी की शिकायत है. लेकिन इतने सैंपल में भी अब कोरोना वायरस के मरीज कम ही निकल रहे हैं.
अभी 849 केस एक्टिव
कलेक्टर ने कहा कि लोगों को ज्यादा उत्साह में नहीं आना है, यदि लोग उत्साह में आकर लापरवाह हुए तो जो संख्या घटती हुई नजर आ रही है, उसके बढ़ने में समय नहीं लगेगा. इन दिनों दुर्गा उत्सव चल रहा है और लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो एक बार फिर मुसीबत बढ़ सकती है. जबलपुर में अब तक कोरोना की वजह से 194 लोगों की जान जा चुकी है. 849 केस अभी भी एक्टिव हैं.