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अब नहीं बनेगा एंग्लो इंडियन कोटे से कोई विधायक, सरकार ने बदला मनोनयन का कानून

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Published : Dec 14, 2019, 10:32 PM IST

एंग्लो इंडियन कोटे से अब कोई विधायक नहीं बनेगा, सरकार ने एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का कानून बदल दिया है.

No MLA will be made from Anglo Indian quota now
अब नहीं बनेगा एंग्लो इंडियन कोटे से कोई विधायक

जबलपुर। मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायक चुने जाते हैं और एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक मनोनीत किया जाता है लंबे समय तक एंग्लो इंडियन कोटे से जबलपुर से विधायक चुने जाते रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में भी एंग्लो इंडियन कोटे से लॉरेन बी लोबो बीते दो कार्यकाल से विधायक रही है.

अब नहीं बनेगा एंग्लो इंडियन कोटे से कोई विधायक

इस मामले को लेकर एक सामाजिक संस्था ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें यह कहा गया था कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन लोगों की तादाद ही खत्म हो गई है तो इनको विधायक बनाने का कोई मतलब नहीं है. यह अंग्रेजों के जमाने की परंपरा है और इसे खत्म किया जाना चाहिए.

कमलनाथ सरकार एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन नहीं कर पाई थी अब केंद्र सरकार ने एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का कानून ही बदल दिया है और अब देश में इस कोटे से कोई विधायक नहीं चुना जा सकेगा. इससे पहले देश की कई सरकारों ने एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक चुनकर अपनी सरकार बचाई हैं कमलनाथ सरकार भी अपने नंबर बढ़ाने के लिए इस कोटे के उपयोग की तैयारी कर रही थी.

जबलपुर। मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायक चुने जाते हैं और एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक मनोनीत किया जाता है लंबे समय तक एंग्लो इंडियन कोटे से जबलपुर से विधायक चुने जाते रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में भी एंग्लो इंडियन कोटे से लॉरेन बी लोबो बीते दो कार्यकाल से विधायक रही है.

अब नहीं बनेगा एंग्लो इंडियन कोटे से कोई विधायक

इस मामले को लेकर एक सामाजिक संस्था ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें यह कहा गया था कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन लोगों की तादाद ही खत्म हो गई है तो इनको विधायक बनाने का कोई मतलब नहीं है. यह अंग्रेजों के जमाने की परंपरा है और इसे खत्म किया जाना चाहिए.

कमलनाथ सरकार एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन नहीं कर पाई थी अब केंद्र सरकार ने एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का कानून ही बदल दिया है और अब देश में इस कोटे से कोई विधायक नहीं चुना जा सकेगा. इससे पहले देश की कई सरकारों ने एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक चुनकर अपनी सरकार बचाई हैं कमलनाथ सरकार भी अपने नंबर बढ़ाने के लिए इस कोटे के उपयोग की तैयारी कर रही थी.

Intro:अब नहीं बनेगा कोई एंग्लो इंडियन विधायक सरकार ने बदला एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का कानून जबलपुर की सामाजिक संस्था ने लगाई थी जनहित याचिका


Body:जबलपुर मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायक चुनकर आते हैं और एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक मनोनीत किया जाता है लंबे समय तक एंग्लो इंडियन कोटे से जबलपुर से विधायक चुने जाते रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में भी एंग्लो इंडियन कोटे से लॉरेन बी लोबो बीते दो कार्यकाल से विधायक थी जबलपुर की एक सामाजिक संस्था ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें यह कहा गया था कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन लोगों की तादाद ही खत्म हो गई है तो इनको विधायक बनाने का कोई मतलब नहीं है यह अंग्रेजों के जमाने की परंपरा है और इसे खत्म किया जाना चाहिए इस याचिका की वजह से संकट में होने के बाद भी कमलनाथ सरकार एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन नहीं कर पाई थी अब केंद्र कि मोदी सरकार ने एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का कानून ही बदल दिया और अब देश में इस कोटे से कोई विधायक नहीं चुना जा सकेगा

इसके पहले देश की कई सरकारों ने एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक चुनकर अपनी सरकार बचाई हैं कमलनाथ सरकार भी अपने नंबर बढ़ाने के लिए इस तैयारी में थी


Conclusion:बाइट रजत भार्गव जनहित याचिकाकर्ता
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