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कटनी समेत 9 जिला अस्पतालों में नहीं लगी सीटी स्कैन मशीन, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी होने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. आज इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

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Published : Feb 1, 2021, 9:15 PM IST

High Court
हाई कोर्ट

जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी होने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि बीपीएल व आयुष्मान कार्डधारियों को पांच हजार रूपये में सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान की जायेगी.

याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि पांच हजार में प्राइवेट अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है. जिसके बाद सरकार ने पैकेज राशि के पुनर्निधारण के निर्देश सरकार को दिये हैं.

कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिये वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था. वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. जिसे फरवरी 2019 तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी. इसके लिये जगह भी उपलब्ध करा दी गई. लेकिन 20 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई. कोरोना काल में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी आवश्यकता पड़ रहीं है.

याचिका में कहा गया था कि संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था. लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है.
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त को निर्देशित किया था कि जांच कर देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.

याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया कि देरी के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा कटनी सहित पांच जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जायेगी. आयुष्मान व बीपीएल कार्डधारियों को सरकार पांच हजार रूपये में सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान करेंगी. याचिकाकर्ता ने युगलपीठ को बताया कि पांच हजार रूपये में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान की जाती है. सरकारी अस्पतालों में सीटी की सुविधा एक हजार से कम में प्रदान की जाती है. जिसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. याचिका पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सोनी ने पैरवी की.

जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी होने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि बीपीएल व आयुष्मान कार्डधारियों को पांच हजार रूपये में सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान की जायेगी.

याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि पांच हजार में प्राइवेट अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है. जिसके बाद सरकार ने पैकेज राशि के पुनर्निधारण के निर्देश सरकार को दिये हैं.

कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिये वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था. वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. जिसे फरवरी 2019 तक अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी. इसके लिये जगह भी उपलब्ध करा दी गई. लेकिन 20 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई. कोरोना काल में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी आवश्यकता पड़ रहीं है.

याचिका में कहा गया था कि संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था. लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है.
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त को निर्देशित किया था कि जांच कर देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.

याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया कि देरी के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा कटनी सहित पांच जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जायेगी. आयुष्मान व बीपीएल कार्डधारियों को सरकार पांच हजार रूपये में सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान करेंगी. याचिकाकर्ता ने युगलपीठ को बताया कि पांच हजार रूपये में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सीटी स्कैन की सुविधा प्रदान की जाती है. सरकारी अस्पतालों में सीटी की सुविधा एक हजार से कम में प्रदान की जाती है. जिसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. याचिका पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सोनी ने पैरवी की.

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