ETV Bharat / state

एनजीटी ने केंद्र सरकार को दिए आदेश, पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट को सख्ती से किया जाए लागू

दिल्ली में स्थित एनजीटी की प्रिंसिपल बैंच ने एक अहम आदेश दिया है.एनजीटी ने देशभर में पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं.एनजीटी ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को ये भी आदेश दिया है कि वो खतरनाक पदार्थों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में पीड़ितों को एनवायरमेंट फण्ड से राहत राशि और मुआवजा दिलवाएं.

NGT
एनजीटी
author img

By

Published : Nov 24, 2020, 3:25 PM IST

जबलपुर। दिल्ली में स्थित एनजीटी की प्रिंसिपल बैंच ने एक अहम आदेश दिया है. एनजीटी ने देशभर में पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं.एनजीटी ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को ये भी आदेश दिया है कि वो खतरनाक पदार्थों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में पीड़ितों को एनवायरमेंट फण्ड से राहत राशि और मुआवजा दिलवाएं.

एनजीटी ने केंद्र सरकार को दिए आदेश

दरअसल भोपाल गैस कांड के बाद देशभर में पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट लागू किया गया था. लेकिन इसका पालन आज तक नहीं किया जा रहा. कानून में प्रावधान है कि अगर खतरनाक पदार्थों से किसी भी तरह की दुर्घटना होती है तो पीड़ितों को जनदायित्व बीमा से क्लेम दिलवाया जाए और अगर क्लेम की राशि बीमा से ज्यादा होती है तो एनवायरमेंट फण्ड से पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जाए.

इस याचिका पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि देश में 881 करोड़ रुपए की राशि एनवायरमेंट फण्ड में जमा है. लेकिन इससे किसी को भी मुआवज़ा नहीं दिया गया है. ऐसे में एनजीटी ने सख्त आदेश देते हुए प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि कानून के मुताबिक अगर कोई भी शख्स या संस्था खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करती है तो उसे जनदायित्व बीमा करवाना जरुरी है. इस कानून के मुताबिक ऐसी संस्थाओं को 50 करोड़ या उनके कैपिटल असैट्स की वैल्यू के बराबर बीमा करवाना होगा और उतनी ही राशि एनवायरमेंट फण्ड में जमा करवानी होगी. कानून के मुताबिक ऐसी दुर्घटना होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर को सुनवाई के बाद क्लेम की राशि तय करनी होती है और अगर क्लेम ज्यादा होता है तो पीडितों को इनवायरमेंट फण्ड से राहत राशि देना जरुरी होता है.

इस कानून की जानकारी ना होने पर अक्सर इस कानून के तहत पीड़ितों को मुआवज़ा नहीं मिल पाता था जिसे एनजीटी में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी. जबलपुर के ज्ञानप्रकाश की इस याचिका पर अब एनजीटी ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को ये कानून सख्ती से अमल में लाने के आदेश दिए हैं.

जबलपुर। दिल्ली में स्थित एनजीटी की प्रिंसिपल बैंच ने एक अहम आदेश दिया है. एनजीटी ने देशभर में पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं.एनजीटी ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को ये भी आदेश दिया है कि वो खतरनाक पदार्थों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में पीड़ितों को एनवायरमेंट फण्ड से राहत राशि और मुआवजा दिलवाएं.

एनजीटी ने केंद्र सरकार को दिए आदेश

दरअसल भोपाल गैस कांड के बाद देशभर में पीपल लायबेलिटी इंश्योरेंस एक्ट लागू किया गया था. लेकिन इसका पालन आज तक नहीं किया जा रहा. कानून में प्रावधान है कि अगर खतरनाक पदार्थों से किसी भी तरह की दुर्घटना होती है तो पीड़ितों को जनदायित्व बीमा से क्लेम दिलवाया जाए और अगर क्लेम की राशि बीमा से ज्यादा होती है तो एनवायरमेंट फण्ड से पीड़ितों को मुआवज़ा दिया जाए.

इस याचिका पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि देश में 881 करोड़ रुपए की राशि एनवायरमेंट फण्ड में जमा है. लेकिन इससे किसी को भी मुआवज़ा नहीं दिया गया है. ऐसे में एनजीटी ने सख्त आदेश देते हुए प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि कानून के मुताबिक अगर कोई भी शख्स या संस्था खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करती है तो उसे जनदायित्व बीमा करवाना जरुरी है. इस कानून के मुताबिक ऐसी संस्थाओं को 50 करोड़ या उनके कैपिटल असैट्स की वैल्यू के बराबर बीमा करवाना होगा और उतनी ही राशि एनवायरमेंट फण्ड में जमा करवानी होगी. कानून के मुताबिक ऐसी दुर्घटना होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर को सुनवाई के बाद क्लेम की राशि तय करनी होती है और अगर क्लेम ज्यादा होता है तो पीडितों को इनवायरमेंट फण्ड से राहत राशि देना जरुरी होता है.

इस कानून की जानकारी ना होने पर अक्सर इस कानून के तहत पीड़ितों को मुआवज़ा नहीं मिल पाता था जिसे एनजीटी में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी. जबलपुर के ज्ञानप्रकाश की इस याचिका पर अब एनजीटी ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को ये कानून सख्ती से अमल में लाने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.