जबलपुर। धुआंधार जलप्रपात की वजह से विश्व के पर्यटक मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना चुके भेड़ाघाट में खास शरद पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार अठारहवां वर्ष है. महोत्सव का शुभारंभ परम्परा के मुताबिक जीवनदायनी मां नर्मदा के पूजन से हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद राकेश सिंह ने की. इस अवसर पर मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री विनोद गोटिया, बरगी विधायक संजय यादव भी उपस्थित थे रहे.(narmada mahotsav 2022) (narmada mahotsav bhedaghat).
![narmada mahotsav 2022](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16593611_ksk.jpg)
विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए प्रयास: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्र शासन के संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने उद्बोधन में संस्कारधानी के नाम से पहचाने जाने वाले नर्मदा किनारे बसे जबलपुर को संस्कृति और पंरपराओं का शहर बताया. उन्होंने कहा कि जिस तरह मां नर्मदा के प्रति लोंगो में आस्था बढ़ रही है, नर्मदा महोत्सव को भी और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए केन्द्र शासन के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जरूरी पहल की जाएगी. इसे विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे.
संग्राहालय बनाने की घोषणा: भेड़ाघाट में नर्मदा महोत्सव के लगातार आयोजन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यहां का नैसर्गिग सौंदर्य मन को आनंदित करने वाला है. मेघवाल ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती के समाधि स्थल पर संग्राहालय बनाने की घोषणा करते हुए इसके लिए केन्द्र शासन को शीघ्र प्रस्ताव भेजने कहा. उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय की पूरी कोशिश होगी कि रानी दुर्गावती की वीर गाथाओं पर भव्य और आकर्षक म्यूजियम बने. उन्होंने भेड़ाघाट में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.
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महोत्सव की दुनिया में पहचान: सांसद राकेश सिंह ने कहां की जबलपुर के पर्यटन विकास के लिये निरंतर किए जा रहे प्रयास की जानकारी देते हुए कहा कि, खजुराहो महोत्सव की तरह ही नर्मदा महोत्सव की भी देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बन गई है. उन्होंने नर्मदा महोत्सव के आयोजन के सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सभी के प्रयासों का ही परिणाम है कि नर्मदा महोत्सव का आयोजन का लगातार 18 वर्षों से हो रहा है. कोरोना की वजह से दो वर्ष सांकेतिक आयोजन के बाद नर्मदा महोत्सव के पुनः शुरू होने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की. मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन निगम के अध्यक्ष विनोद गोंटिया ने इस अवसर पर कहा कि जबलपुर में पर्यटन के विकास के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायेंगे, ताकि यहां के पर्यटन स्थलों की ख्याति देश-विदेश तक फैले और लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखे.
मैथिली के सुरों के संग हुई मां नर्मदा की आराधना, भजन सुन झूम उठे श्रद्धालु
पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम: धुआंधार के समीप बने मुक्ताकाशीय मंच पर आयोजित नर्मदा महोत्सव के पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत, स्वरागिनी सांस्कृतिक कला केन्द्र जबलपुर की सुश्री मेघा पांडे एवं उनकी सहयोगियों द्वारा दुर्गा स्तुति पर नृत्य की प्रस्तुति से हुई. इसके बाद संगीत नाटक अकादमी की ओर से बाड़मेर राजस्थान के दीन मोहम्मद एवं उनके साथियों द्वारा राजस्थानी लोक संगीत लांगा एवं मांगलिया तथा कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी गई. दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र की ओर से रायगढ़ महाराष्ट्र की निभा जेमसे और उनके समूह द्वारा प्रस्तुत कोली और लावणी नृत्य को भी काफी पसंद किया गया.(narmada mahotsav 2022) (narmada mahotsav bhedaghat).