जबलपुर। तीन दिन पहले जबलपुर में ऑक्सीजन पर टैक्स लगाने को लेकर लगभग पूरा शहर आक्रोशित हो गया था. सुबह पार्क में सैर करने वाले लोगों को 10 रुपए की रसीद कटवानी पढ़ रही थी. भारी विरोध के बाद यह टैक्स वापस हुआ तो अब बात पानी पर आ गई है, इस बार गरीबों के नल कनेक्शन काट दिए गए हैं.
स्थानीय नेताओं ने जब नगर निगम से बात करने की कोशिश की तो नगर निगम कर्मचारियों यह मानने को ही तैयार नहीं है कि उन्होंने किसी का नल कनेक्शन काटा है. लेकिन नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने टैक्स कलेक्शन शाखा को यह जानकारी दी है कि उन्हें टैक्स न भरने वाले लगभग हजार लोगों के नल कनेक्शन काटे गए हैं.
पांच साल का टैक्स एक साथ
जबलपुर में पानी देने की योजना के अंतर्गत लोगों के घरों में जबरन नल लगाए गए थे और सार्वजनिक नलों को बंद कर दिया गया था. आज जबलपुर में एक भी सार्वजनिक नल नहीं है. पहले लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें वाटर टैक्स देना होगा. हालांकि वॉटर टैक्स 220 रुपए प्रतिमाह है, ज्यादा बड़ी रकम नहीं है. लेकिन इस लंबे समय तक वसूला नहीं गया. इसलिए यह धीरे-धीरे बढ़कर 5 साल में 12 हजार से ज्यादा पहुंच गया है. गरीबों का कहना है कि वे टैक्स भर देंगे लेकिन उनका नल कनेक्शन ना काटा जाए और इसे हमसे किस्तों में लिया जाए, लेकिन नगर निगम अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं है.
अब पानी का संकट
जबलपुर के मदर टैरेसा नगर में रहने वाली अनीता यादव दूसरों के घरों में काम करती हैं, इनके पति गार्ड हैं. यह दोनों ही कोरोना संकट में जैसे तैसे जीवन यापन कर रहे हैं. पूरी मेहनत के बाद पति-पत्नी मिलकर भी केवल गुजर-बसर लायक पैसा ही कमा पाते हैं. लेकिन इनके यहां बीते दिनों नगर निगम ने 5 साल का वाटर टैक्स 12 हजार रुपए का बिल भिजवा दिया है. जब वे इतना पैसा इकट्ठा नहीं कर पाए तो उनके घर का नल कनेक्शन काट दिया गया. जहां से नल कनेक्शन काटा गया है उस पाइप में नगर निगम के कर्मचारी लकड़ी ठोक कर चले गए ताकि किसी भी स्थिति में अनीता इस कनेक्शन से पानी में निकाल सकें. अनीता बाल्टी लेकर लोगों के दरवाजे पर खड़ी रहती है. अनीता यादव अकेली नहीं है बल्कि इनके आसपास रहने वाले केवल मदर टैरेसा नगर में 100 से ज्यादा मकान हैं जो गरीब पैसा नहीं भर पाए और उनके नल कनेक्शन काट दिए गए.