जबलपुर। इन दिनों हर राम भक्त की इच्छा है कि वह अयोध्या जाकर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बने, लेकिन एक भक्त ऐसा भी है, जो अयोध्या जाने की जगह भगवान राम के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक अनोखी पदयात्रा पर निकला है. अयोध्या से रामेश्वरम तक करीब 4 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करने वाला यह भक्त कौन है. देखिए हमारी ETV भारत की खास रिपोर्ट में.
कौन है ये राम भक्त: यह हैं शिप्रा पाठक...वाटर वूमेन के नाम से प्रसिद्ध शिप्रा पाठक वैसे तो मां नर्मदा से लगाकर कई नदियों की परिक्रमा कर चुकी है, लेकिन इन दिनों शिप्रा एक ऐसी पदयात्रा पर हैं. जिस पर शायद ही अब तक कोई चला हो. शिप्रा ने अयोध्या नगरी से लेकर रामेश्वरम तक पदयात्रा शुरू की है. करीब 4000 किलोमीटर की पदयात्रा पर शिप्रा अकेली ही पैदल चल रही है. करीब 1300 किलोमीटर की पदयात्रा करने के बाद शिप्रा संस्कारधानी जबलपुर पर पहुंची. जहां से अब वह आगे का सफर शुरू कर रही हैं.
जन-जन तक पहुंचा रही राम का संदेश: शिप्रा का कहना है कि भगवान राम केवल अयोध्या तक ही सीमित नहीं है. राम एक ऐसे व्यक्तित्व हैं. जिन्होंने अपने जीवन से संसार के हर सुख और दुख को परिभाषित किया है. इसलिए भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहलाते हैं. उन्हीं के संदेश को वह अपनी इस पदयात्रा में जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहीं हैं.
जल और नदियों के संरक्षण का संदेश: शिप्रा बताती हैं कि अपनी इस पदयात्रा में वह उन स्थानों पर जा रही हैं. जिन स्थानों से भगवान राम निकले थे. अयोध्या से शुरू हुई उनकी वन यात्रा रामेश्वरम तक चली थी. इसलिए इस पथ को रामवन पथ गमन कहते हैं. शिप्रा का कहना है कि आज इंसान प्राकृतिक से दूर हो गया है. इसलिए अपनी इस पदयात्रा के दौरान वह जंगल और नदियों के संरक्षण का संदेश भी दे रही हैं.
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पहले भी कर चुकी हैं 13सौ किमी यात्रा: शिप्रा की ये पहली पदयात्रा नहीं है. इसके पहले भी शिप्रा ने मां नर्मदा की करीब 13 सौ किलोमीटर की परिक्रमा अकेली ही की थी. उसके बाद से शिप्रा अब तक कई नदियों की परिक्रमा कर चुकी है. इसलिए उन्हें वाटर वूमन भी कहा जाता है. शिप्रा रामेश्वरम अप्रैल महीने के अंत तक पहुंच पाएंगी. उसके बाद उनका संकल्प पूरा हो जाएगा.