जबलपुर। जिले में आज एक बार फिर नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज करवाया. इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन नर्सिंग छात्र संगठन ने किया था. इसमें न केवल जबलपुर बल्कि छतरपुर से आए हुए नर्सिंग के छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए. इन लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इन लोगों की मांग है कि उनकी परीक्षाएं जल्द करवाई जाए. यदि सरकार उनकी परीक्षाएं जल्द नहीं करवा पा रही है तो वे अगले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का बहिष्कार करेंगे.
नर्सिंग मामले में जारी है सीबीआई जांच: नर्सिंग छात्र संगठन ने जबलपुर के सिविक सेंटर से घंटाघर तक रैली निकाली. दरअसल, यह लोग कलेक्ट्रेट का घेराव करने के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें घंटाघर के पास रोक लिया. इस रैली में लगभग 1000 छात्र छात्राएं शामिल थे. घंटाघर के सामने उनकी पुलिस से झड़प भी हुई और धक्का-मुक्की हुई. नर्सिंग के छात्र-छात्राएं 2020 से ही परेशान हैं. 2020 में लोगों ने नर्सिंग के फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया था. उसके बाद प्रदेश के लगभग ढाई सौ फर्जी नर्सिंग कॉलेज के सामने आने के बाद यह मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चला गया. जहां अभी तक इस मामले की सुनवाई चल रही है और इसकी सीबीआई जांच की जा रही है.
एक सप्ताह में यह दूसरा बड़ा प्रदर्शन: इस जांच की वजह से मध्य प्रदेश के लगभग एक लाख छात्र छात्राएं जिन्होंने नर्सिंग कोर्सेज में एडमिशन लिया था, भी प्रभावित हो गए हैं. उन्हें बीते 3 साल से परीक्षा देने का अवसर नहीं मिल पा रहा है. इसलिए वे सड़कों पर उतर आए हैं. बीते एक सप्ताह में जबलपुर में यह एक दूसरा बड़ा प्रदर्शन है. जो नर्सिंग छात्राओं ने सरकार के खिलाफ किया है.
परेशान हैं नर्सिंग छात्र: धरना प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि "इसके पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यालय का भी घेराव किया था. वे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के पास भी गए थे, लेकिन सरकार के मंत्री ने उनसे कहा कि क्या आपने मेरे कहने पर एडमिशन लिया था. जो आप यहां आकर प्रदर्शन कर रहे हैं. नर्सिंग के छात्र-छात्राएं बहुत ज्यादा परेशान हैं और हताश हो गए हैं.
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आरटीआई एक्टिविस्ट मनीष शर्मा भी प्रदर्शन में शामिल: वहीं नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के साथ अब आप पार्टी के नेता और जबलपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट मनीष शर्मा भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि इन छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही इन्हें सरकार की ओर से मुआवजा भी दिया जाना चाहिए. क्योंकि सरकार की वजह से उनके 3 साल बर्बाद हुए हैं. यदि सरकार मुआवजे की मांग पूरी नहीं करती है, तो वह इस मांग को लेकर कोर्ट भी जाएंगे.