जबलपुर। शहर के सबसे बड़ी निजी अस्पताल सिटी हॉस्पिटल पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर पुलिस ने पहले तो अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, उनकी पत्नी और बेटे सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और उसके बाद अब सिटी हॉस्पिटल की सदस्यता मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन ने रद्द कर दी है.
नर्सिंग होम एसोसिएशन ने रद्द की सदस्यता
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले के कारण सिटी अस्पताल की सदस्यता मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन संगठन ने रद्द कर दी है. नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र जामदार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि सिटी अस्पताल के संचालक डॉ. सरबजीत सिंह मोखा पर इस कोरोना काल में जिस तरह के आरोप लगे हैं वह कहीं से भी माफ करने योग्य नहीं है, इतना ही नहीं कोविड-19 के समय सिटी अस्पताल ने अपनी नैतिक मूल्यों के साथ समझौता किया है जो की पूरी तरह से गलत है.
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सिर्फ मोखा ही नहीं पूरे परिवार पर आरोप
मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र जामदार ने बताया कि सिटी अस्पताल में अनेक प्रकार की अवैध गतिविधियां हुई है और इन तमाम गतिविधियों में जिस तरह से अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और उनका परिवार लिप्त रहा है वह कहीं से भी ठीक नहीं है, यही कारण है कि मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने मिलकर एकमत निर्णय लिया है कि सिटी अस्पताल की सदस्यता को रद्द कर दिया जाए.
शहर का सबसे अच्छा अस्पताल
डॉ. जितेंद्र जामदार की मानें तो सिटी अस्पताल महाकौशल का सबसे बड़ा अस्पताल है और इस अस्पताल में कई तरह की हाई-फाई मशीनें भी हैं जो कि मरीजों की बीमारी करने ठीक करने में काफी हद तक कारगर भी साबित होती है. ऐसे में निश्चित रूप से सिटी अस्पताल की सदस्यता को रद्द करने से मरीजों को काफी हद तक नुकसान भी उठाना होगा पर कहीं ना कहीं सिटी अस्पताल के संचालक ने जो काम किया है वह कहीं से भी माफ करने योग्य नहीं है. वहां से मरीज इलाद करवा रहे हैं कि उनकी व्यवस्था CMHO को करना होगी.