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दांतों में फंसी गंदगी और भोजन के कणों से हो सकती है कई परेशानियां, जानें लक्षण और उपचार - TARTAR ON TEETH REMOVAL

आपके दांतों में फंसी गंदगी आपके लिए कई समस्याएं पैदा कर सकती है. इसलिए दांतों की सफाई बहुत जरूरी है.

Many problems can be caused by dirt and food particles trapped in the teeth
दांतों में फंसी गंदगी और भोजन के कणों से हो सकती है कई परेशानियां, (GETTY IMAGES)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Jan 31, 2025, 2:38 PM IST

दांतों में टार्टर जमने की समस्या भले ही आम है लेकिन इसे नजरअंदाज करना भविष्य में कई प्रकार की गंभीर दंत समस्याओं का कारण बन सकता है. तसल्ली वाली बात यह है कि नियमित सफाई और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या को रोका जा सकता है.

अनदेखा ना करें दांतों में टार्टर, बन सकता है कई समस्याओं का कारण
दांतों की सफाई और स्वच्छता हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन बहुत से लोग मुंह या दांतों की सही तरह से सफाई करने व स्वच्छता में लापरवाही बरतते हैं, जो मुंह विशेषकर दांतों में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है. जिनमें से एक दांतों में टार्टर जमने की समस्या भी है. दांतों में टार्टर जमना यानी कठोर रूप में प्लाक का जमना वैसे तो एक आम समस्या है, जिसके कारण दांतों पर पीले या भूरे रंग की परत जम जाती है और जो दांतों की खूबसूरती को कम करती हैं. लेकिन यदि टार्टर को हटाने के लिए प्रयास ना किए जाए या स्वच्छता का ध्यान ना रखा जाए तो यह दांतों की सुंदरता के साथ उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता हैं और कई बार गंभीर दंत समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

क्या है टार्टर
हेल्थ केयर डेंटल केयर क्लिनिक ठाणे मुंबई के दांत रोग विशेषज्ञ डॉ. सूरज भरतरी बताते हैं कि टार्टर का निर्माण दांतों पर जमा होने वाली प्लाक से होता है, जो भोजन के कण, बैक्टीरिया, और लार के कारण बनता है. अगर इसे नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग से साफ नहीं किया जाए, तो यह सख्त होकर टार्टर में बदल जाता है. इसके लिए जिम्मेदार कारणों की बात करें तो उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • नियमित ब्रश न करना या गलत तरीके से ब्रश करना.
  • मीठे या चिपचिपे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन.
  • पानी की कमी और लार का उत्पादन कम होना.
  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन.
  • कैल्शियम और विटामिन सी की कमी.

लक्षण व प्रभाव

  • दांतों में टार्टर की समस्या के कुछ आम लक्षण तथा प्रभाव इस प्रकार हैं.
  • दांतों पर पीली या भूरे रंग की परत जम जाना.
  • मसूड़ों में सूजन और खून आना.
  • सांस में दुर्गंध आना .

इलाज
डॉ. सूरज भरतरी बताते हैं कि क्लिनिक में टार्टर को हटाने के लिए स्केलिंग प्रक्रिया की मदद ली जाती हैं. स्केलिंग में दांतों की गहराई तक सफाई कर टार्टर को हटाया जाता है. जिसके बाद दांतों को चमकाने के लिए पॉलिशिंग की जाती है, जिससे प्लाक दोबारा जल्दी नहीं जमता. इसके बाद दांतों व मसूड़ों के स्वास्थ्य के आधार पर डॉक्टर कई बार एंटी-बैक्टीरियल माउथवॉश या दवाएं भी दे सकते हैं.

वह बताते हैं की यदि समय से इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास ना किया जाए तो ना सिर्फ दांत कमजोर हो सकते हैं, बल्कि उनमें कैविटी, पायरिया और यहां तक की दांतों के गिरने का खतरा भी हो सकता है.

उनके अनुसार दांतों को टार्टर मुक्त रखने में कुछ बातों का ध्यान रखना काफी लाभकारी हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

दिन में दो बार सही तरीके से ब्रश करें.

  • मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें.
  • नियमित फ्लॉसिंग और माउथवॉश का उपयोग करें.
  • धूम्रपान और तंबाकू से बचें.
  • हर 6 महीने में डेंटिस्ट से दांतों की जांच करवाएं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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दांतों में टार्टर जमने की समस्या भले ही आम है लेकिन इसे नजरअंदाज करना भविष्य में कई प्रकार की गंभीर दंत समस्याओं का कारण बन सकता है. तसल्ली वाली बात यह है कि नियमित सफाई और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या को रोका जा सकता है.

अनदेखा ना करें दांतों में टार्टर, बन सकता है कई समस्याओं का कारण
दांतों की सफाई और स्वच्छता हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन बहुत से लोग मुंह या दांतों की सही तरह से सफाई करने व स्वच्छता में लापरवाही बरतते हैं, जो मुंह विशेषकर दांतों में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है. जिनमें से एक दांतों में टार्टर जमने की समस्या भी है. दांतों में टार्टर जमना यानी कठोर रूप में प्लाक का जमना वैसे तो एक आम समस्या है, जिसके कारण दांतों पर पीले या भूरे रंग की परत जम जाती है और जो दांतों की खूबसूरती को कम करती हैं. लेकिन यदि टार्टर को हटाने के लिए प्रयास ना किए जाए या स्वच्छता का ध्यान ना रखा जाए तो यह दांतों की सुंदरता के साथ उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता हैं और कई बार गंभीर दंत समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

क्या है टार्टर
हेल्थ केयर डेंटल केयर क्लिनिक ठाणे मुंबई के दांत रोग विशेषज्ञ डॉ. सूरज भरतरी बताते हैं कि टार्टर का निर्माण दांतों पर जमा होने वाली प्लाक से होता है, जो भोजन के कण, बैक्टीरिया, और लार के कारण बनता है. अगर इसे नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग से साफ नहीं किया जाए, तो यह सख्त होकर टार्टर में बदल जाता है. इसके लिए जिम्मेदार कारणों की बात करें तो उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • नियमित ब्रश न करना या गलत तरीके से ब्रश करना.
  • मीठे या चिपचिपे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन.
  • पानी की कमी और लार का उत्पादन कम होना.
  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन.
  • कैल्शियम और विटामिन सी की कमी.

लक्षण व प्रभाव

  • दांतों में टार्टर की समस्या के कुछ आम लक्षण तथा प्रभाव इस प्रकार हैं.
  • दांतों पर पीली या भूरे रंग की परत जम जाना.
  • मसूड़ों में सूजन और खून आना.
  • सांस में दुर्गंध आना .

इलाज
डॉ. सूरज भरतरी बताते हैं कि क्लिनिक में टार्टर को हटाने के लिए स्केलिंग प्रक्रिया की मदद ली जाती हैं. स्केलिंग में दांतों की गहराई तक सफाई कर टार्टर को हटाया जाता है. जिसके बाद दांतों को चमकाने के लिए पॉलिशिंग की जाती है, जिससे प्लाक दोबारा जल्दी नहीं जमता. इसके बाद दांतों व मसूड़ों के स्वास्थ्य के आधार पर डॉक्टर कई बार एंटी-बैक्टीरियल माउथवॉश या दवाएं भी दे सकते हैं.

वह बताते हैं की यदि समय से इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास ना किया जाए तो ना सिर्फ दांत कमजोर हो सकते हैं, बल्कि उनमें कैविटी, पायरिया और यहां तक की दांतों के गिरने का खतरा भी हो सकता है.

उनके अनुसार दांतों को टार्टर मुक्त रखने में कुछ बातों का ध्यान रखना काफी लाभकारी हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

दिन में दो बार सही तरीके से ब्रश करें.

  • मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें.
  • नियमित फ्लॉसिंग और माउथवॉश का उपयोग करें.
  • धूम्रपान और तंबाकू से बचें.
  • हर 6 महीने में डेंटिस्ट से दांतों की जांच करवाएं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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