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हाईकोर्ट ने धारा 13 हटाए जाने की मांग वाली याचिका की खारिज,कहा एक्ट में संशोधन से पहले हुआ था मामला दर्ज - जबलपुर हाईकोर्ट

Petition rejected demanding removal of Section 13: एमपी हाईकोर्ट ने धारा 13 हटाए जाने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है. रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए एक आरोपी ने यह याचिका दायर कर मांग की थी.

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हाईकोर्ट ने धारा 13 हटाने से किया इंकार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 6:27 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट ने धारा 13 हटाए जाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 में संशोधन के पहले मामला दर्ज होने के कारण याचिका खारिज कर दी गई. रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए आरोपी ने यह मांग की थी.

किसने दायर की थी याचिका: जबलपुर निवासी अरविंद पांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह राजस्व विभाग में निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे. लोकायुक्त ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और धारा 13 के तहत कार्रवाई की थी और वह वर्तमान में निलंबित है. याचिका में राहत चाही गई थी कि उसके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले में धारा 13 में संशोधन किया जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि एक्ट की धारा 13 में संशोधन किया गया है. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राधेलाल गुप्ता मामले में धारा 13 को हटाये जाने का हवाला दिया गया था.

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क्या कहा कोर्ट ने: रिश्वत लेने के मामले में लोकायुक्त विभाग द्वारा दर्ज धारा 13 को हटाये जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू और जस्टिस देव नारायण मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 में 26 जुलाई 2018 में संशोधन किया गया है, जबकि आरोपी याचिकाकर्ता के खिलाफ 12 व 13 जुलाई को लोकायुक्त ने कार्रवाई की है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया.

जबलपुर। हाईकोर्ट ने धारा 13 हटाए जाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 में संशोधन के पहले मामला दर्ज होने के कारण याचिका खारिज कर दी गई. रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए आरोपी ने यह मांग की थी.

किसने दायर की थी याचिका: जबलपुर निवासी अरविंद पांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह राजस्व विभाग में निरीक्षक के पद पर पदस्थ थे. लोकायुक्त ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और धारा 13 के तहत कार्रवाई की थी और वह वर्तमान में निलंबित है. याचिका में राहत चाही गई थी कि उसके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले में धारा 13 में संशोधन किया जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि एक्ट की धारा 13 में संशोधन किया गया है. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राधेलाल गुप्ता मामले में धारा 13 को हटाये जाने का हवाला दिया गया था.

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क्या कहा कोर्ट ने: रिश्वत लेने के मामले में लोकायुक्त विभाग द्वारा दर्ज धारा 13 को हटाये जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू और जस्टिस देव नारायण मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 में 26 जुलाई 2018 में संशोधन किया गया है, जबकि आरोपी याचिकाकर्ता के खिलाफ 12 व 13 जुलाई को लोकायुक्त ने कार्रवाई की है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया.

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