जबलपुर। मध्यप्रदेश के एक और आईएएस अफसर ने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया है. इसके लिए उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन राज्य सरकार को भेजा है, जिसे मंजूर कर लिया गया है. राज्य सरकार ने इसे भारत सरकार को भेज दिया है. संभाग आयुक्त बी चंद्रशेखर ने अपने आवेदन में समाज सेवा करने की इच्छा व्यक्त की है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने जबलपुर के संभाग आयुक्त बी चंद्रशेखर का तबादला भी कर दिया है. वे अब मंत्रालय में सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगे.
अभय कुमार वर्मा बने जबलपुर के नए कमिश्नर : मध्यप्रदेश में साढ़े 3 साल में ये चौथे अफसर हैं, जिन्होंने यह कदम उठाया है. इससे पहले 1987 बैच की सीनियर आईएएस अधिकारी रहीं गौरी सिंह एवं 1996 बैच के वरदमूर्ति मिश्रा सहित 1993 बैच के मनोहर अगनानी नौकरी छोड़ चुके हैं. बी चंद्रशेखर ढाई साल से जबलपुर संभाग के कमिश्नर थे. गुरुवार को सरकार ने इन्हें हटाकर मंत्रालय में सचिव बनाया है. उनकी जगह लोक शिक्षण आयुक्त अभय कुमार वर्मा को जबलपुर संभाग का कमिश्नर बनाया है. ढाई साल के कार्यकाल में संभागायुक्त तौर पर बी चंद्रशेखर ने कई उल्लेखनीय काम किए हैं. संभागायुक्त कोर्ट पक्षकारों के प्रकरणों की सुनवाई के लिए उन्होंने समानता का भाव रखते हुए कोर्ट प्रथा में नवाचार किया है.
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संभागीय कोर्ट में बनाई नई व्यवस्था : बी चंद्रशेखर ने कोर्ट में पक्षकारों और संभागायुक्त के बैठने की समान व्यवस्था करने के साथ ही संभागायुक्त कोर्ट में मी लॉर्ड, माय लॉर्ड, और योर ऑनर जैसे शब्दों पर रोक लगाते हुए अधिवक्ताओं और पक्षकारों से आग्रह किया कि वे इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल ना करें. कमिश्नर अथवा पूर्व शब्द का इस्तेमाल करें. अपने तबादले और वीआरएसए के संबंध में संभागायुक्त भी चंद्रशेखर ने किसी भी प्रकार का बयान देने से साफतौर पर इंकार कर दिया. उन्होंने चुनाव लड़ने की अटकलों को भी खारिज करते हुए कहा है कि वीआरएस लेने के बाद वे अपना समय अध्ययन में बिताएंगे और वे इस समय एक नॉवेल लिख रहे हैं, जिसे पूरा करने की ओर उनका पूरा ध्यान रहेगा.