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वर्चस्व के लिए 3 बाघों के बीच खतरनाक युद्ध, थर्रा उठा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व - BANDHAVGARH TIGER RESERVE

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से दुखद खबर. 3 बाघों के बीच भीषण लड़ाई में एक शावक की मौत. शावक करीब 10 माह का था.

BANDHAVGARH TIGER RESERVE
वर्चस्व के लिए 3 बाघों के बीच खतरनाक युद्ध (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 24, 2025, 3:44 PM IST

Updated : Feb 24, 2025, 5:40 PM IST

उमरिया (अखिलेश शुक्ला) : उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों की दहाड़ के लिए अपनी खास पहचान रखता है. कई बार बाघों के बीच खतरनाक लड़ाई होती है अपने इलाके पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए. बाघों के इसी साम्राज्य की लड़ाई में एक नर बाघ शावक की फिर से मौत हो गई. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली रेंज के सलखनिया बीट में बाघ शावक की मौत हुई है. उसके शव का नियमों के तहत अंतिम संस्कार किया गया,

मरने वाले शावक की उम्र करीब 10 माह

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय बताते हैं "खेतौली रेंज के सलखनिया कैंप इलाके में बाघ शावक का शव मिला है. इसकी उम्र लगभग 8 से 10 माह है. मृत्यु का कारण बाघों के बीच आपसी द्वंद है. जिस बाघ शावक की मौत हुई है, उसके शरीर चोट के काफी निशान थे. रीढ़ की हड्डी डैमेज थी. ऐसा लगता है कि अटैक करने वाला टाइगर बहुत हैवी मेल टाइगर रहा होगा. उसने अपना पंजा भी उस छोटे से शावक पर रखा होगा. इसलिए शावक की हड्डियां डैमेज हुईं. शावक के श्वांस नली में भी चोटें थीं."

बाघों की लड़ाई की आवाज दूर तक गूंजी

घटनास्थल के नजदीक कैंप के लोगों ने बताया "बाघों की लड़ाई की आवाज उनके कानों में भी गूंजी. जिस हिसाब से आवाजें आ रही थीं, उससे यही एहसास हो रहा है कि ये लड़ाई बहुत खूंखार थी. जब बाघ दहाड़ रहे थे तो पूरा इलाका थर्रा गया. जैसे ही जंगल का माहौल शांत हुआ, उसके बाद हाथी दल और वाहनों के माध्यम से ट्रैकिंग चालू की गई, जिसमें सर्चिंग के दौरान एक मादा और एक नर बाघ के पगमार्क भी मिले, जिसमें माना जा रहा है कि हमलावर भी इनमें से एक रहा होगा."

तीन बाघों की लड़ाई में फंस गया शावक

अनुपम सहाय बताते हैं "ये नहीं कह सकते कि छोटा भीम की ही ये फैमिली थी, क्योंकि छोटा भीम खेतौली रेंज में ऑपरेट करता था और घटनास्थल उसके बिल्कुल बाहर का एरिया का है. ये इलाका सलखनिया गांव से लगा हुआ है. इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से 2 से 3 टाइगर का मूवमेंट है. पुजारी और डी 1 नाम के इन बाघों का मूवमेंट तो है ही, साथ ही एक और तीसरा नर बाघ नया है, उसकी भी दखल इन दिनों बढ़ रही है. ऐसे में अब ये नहीं कह सकते कि ये किसके परिवार का सदस्य है लेकिन ये जरूर है कि एक मेल जब अपना एरिया बढ़ा रहा होता है तो वह दूसरे के बच्चों को बर्दाश्त नहीं करता. इसलिए माना जा रहा है कि बाघों के बीच साम्राज्य की इस लड़ाई में ये बाघ शावक फंस गया हो. किसी नर बाघ ने इसे मार दिया हो."

मृत शावक की मां बाघिन सुरक्षित है

क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय बताते हैं "अभी पड़ताल चल रही है. ट्रैप कैमरा को हम देख रहे हैं. थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन एक-दो हफ्ते में पता चल जाएगा कि कौन-कौन बाघ इस एरिया से आ-जा रहा है, किसका इंटरेक्शन ज्यादा है. वहां पर दो-तीन बार पुजारी भी आता देखा गया है, D1 भी देखा गया है. एक और नया बाघ भी आता है, उसका अभी कोई नाम नहीं रखा है. जिस शावक की मौत हुई है, उसकी मां बाघिन पूरी तरह सुरक्षित है."

उमरिया (अखिलेश शुक्ला) : उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों की दहाड़ के लिए अपनी खास पहचान रखता है. कई बार बाघों के बीच खतरनाक लड़ाई होती है अपने इलाके पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए. बाघों के इसी साम्राज्य की लड़ाई में एक नर बाघ शावक की फिर से मौत हो गई. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली रेंज के सलखनिया बीट में बाघ शावक की मौत हुई है. उसके शव का नियमों के तहत अंतिम संस्कार किया गया,

मरने वाले शावक की उम्र करीब 10 माह

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय बताते हैं "खेतौली रेंज के सलखनिया कैंप इलाके में बाघ शावक का शव मिला है. इसकी उम्र लगभग 8 से 10 माह है. मृत्यु का कारण बाघों के बीच आपसी द्वंद है. जिस बाघ शावक की मौत हुई है, उसके शरीर चोट के काफी निशान थे. रीढ़ की हड्डी डैमेज थी. ऐसा लगता है कि अटैक करने वाला टाइगर बहुत हैवी मेल टाइगर रहा होगा. उसने अपना पंजा भी उस छोटे से शावक पर रखा होगा. इसलिए शावक की हड्डियां डैमेज हुईं. शावक के श्वांस नली में भी चोटें थीं."

बाघों की लड़ाई की आवाज दूर तक गूंजी

घटनास्थल के नजदीक कैंप के लोगों ने बताया "बाघों की लड़ाई की आवाज उनके कानों में भी गूंजी. जिस हिसाब से आवाजें आ रही थीं, उससे यही एहसास हो रहा है कि ये लड़ाई बहुत खूंखार थी. जब बाघ दहाड़ रहे थे तो पूरा इलाका थर्रा गया. जैसे ही जंगल का माहौल शांत हुआ, उसके बाद हाथी दल और वाहनों के माध्यम से ट्रैकिंग चालू की गई, जिसमें सर्चिंग के दौरान एक मादा और एक नर बाघ के पगमार्क भी मिले, जिसमें माना जा रहा है कि हमलावर भी इनमें से एक रहा होगा."

तीन बाघों की लड़ाई में फंस गया शावक

अनुपम सहाय बताते हैं "ये नहीं कह सकते कि छोटा भीम की ही ये फैमिली थी, क्योंकि छोटा भीम खेतौली रेंज में ऑपरेट करता था और घटनास्थल उसके बिल्कुल बाहर का एरिया का है. ये इलाका सलखनिया गांव से लगा हुआ है. इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से 2 से 3 टाइगर का मूवमेंट है. पुजारी और डी 1 नाम के इन बाघों का मूवमेंट तो है ही, साथ ही एक और तीसरा नर बाघ नया है, उसकी भी दखल इन दिनों बढ़ रही है. ऐसे में अब ये नहीं कह सकते कि ये किसके परिवार का सदस्य है लेकिन ये जरूर है कि एक मेल जब अपना एरिया बढ़ा रहा होता है तो वह दूसरे के बच्चों को बर्दाश्त नहीं करता. इसलिए माना जा रहा है कि बाघों के बीच साम्राज्य की इस लड़ाई में ये बाघ शावक फंस गया हो. किसी नर बाघ ने इसे मार दिया हो."

मृत शावक की मां बाघिन सुरक्षित है

क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय बताते हैं "अभी पड़ताल चल रही है. ट्रैप कैमरा को हम देख रहे हैं. थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन एक-दो हफ्ते में पता चल जाएगा कि कौन-कौन बाघ इस एरिया से आ-जा रहा है, किसका इंटरेक्शन ज्यादा है. वहां पर दो-तीन बार पुजारी भी आता देखा गया है, D1 भी देखा गया है. एक और नया बाघ भी आता है, उसका अभी कोई नाम नहीं रखा है. जिस शावक की मौत हुई है, उसकी मां बाघिन पूरी तरह सुरक्षित है."

Last Updated : Feb 24, 2025, 5:40 PM IST
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