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MP High Court : जेल के अंदर कैदियों तक मादक पदार्थ की सप्लाई मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका ली वापस - जेल के अंदर कैदियों तक गांजा

जेल के अंदर कैदियों तक गांजा, सिगरेट सहित अन्य मादक पदार्थ पहुंचने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने अभ्यावेदन पर सरकार को कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय दिये बिना उक्त याचिका दायर की है. इसके बाद याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया, जिसे युगलपीठ ने स्वीकार कर लिया. (MP High Court news) (Withdraw petition) (Matter supply of drugs in jail)

MP High Court news
कैदियों तक मादक पदार्थ की सप्लाई हाईकोर्ट में याचिका वापस
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Published : Oct 27, 2022, 7:39 PM IST

जबलपुर। रीवा निवासी अधिवक्ता मुनिराज उर्फ पवन तिवारी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश की जेल के अंदर कैदियों तक मादक पदार्थ पहुंच रहे हैं. रीवा जेल के निरिक्षण के दौरान कैदियों के पास से बीड़ी व सिगरेट मिली थी.

याचिका में ये उल्लेख : याचिका में इसका उल्लेख किया गया था कि जबलपुर जेल में प्रधान जेल पहरी अपने मोजे में गांजे की पुड़िया छुपाकर ले जाते हुए पकड़ाया गया था. जेल के अंदर 10 रुपये वाली तम्बाकू की पुड़िया 100 रुपये में कैदियों को बेची जाती है. इसी प्रकार अन्य मादक पदार्थ भी कैदियों को दस गुने दाम में मुहिया करवाये जाते हैं.

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याचिकाकर्ता ने किया वापस लेने का आग्रह : याचिका में कहा गया था कि सुधार के लिए आरोपियों को जेल भेजा जाता है. जेल के अंदर मादक पदार्थ का रैकेट चल रहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता ने 27 जुलाई को इस संबंध में सरकार को अभ्यावेदन दिया था. सरकार को कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय दिये बिना ये याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान याचिका वापस लेने का आग्रह किया, जिसे युगलपीठ ने स्वीकार कर लिया. (MP High Court news) (Withdraw petition) (Matter supply of drugs in jail)

जबलपुर। रीवा निवासी अधिवक्ता मुनिराज उर्फ पवन तिवारी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश की जेल के अंदर कैदियों तक मादक पदार्थ पहुंच रहे हैं. रीवा जेल के निरिक्षण के दौरान कैदियों के पास से बीड़ी व सिगरेट मिली थी.

याचिका में ये उल्लेख : याचिका में इसका उल्लेख किया गया था कि जबलपुर जेल में प्रधान जेल पहरी अपने मोजे में गांजे की पुड़िया छुपाकर ले जाते हुए पकड़ाया गया था. जेल के अंदर 10 रुपये वाली तम्बाकू की पुड़िया 100 रुपये में कैदियों को बेची जाती है. इसी प्रकार अन्य मादक पदार्थ भी कैदियों को दस गुने दाम में मुहिया करवाये जाते हैं.

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याचिकाकर्ता ने किया वापस लेने का आग्रह : याचिका में कहा गया था कि सुधार के लिए आरोपियों को जेल भेजा जाता है. जेल के अंदर मादक पदार्थ का रैकेट चल रहा है. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता ने 27 जुलाई को इस संबंध में सरकार को अभ्यावेदन दिया था. सरकार को कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय दिये बिना ये याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान याचिका वापस लेने का आग्रह किया, जिसे युगलपीठ ने स्वीकार कर लिया. (MP High Court news) (Withdraw petition) (Matter supply of drugs in jail)

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