जबलपुर। मतगणना के दौरान मतपेटी में 50 वोट अधिक निकलने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने अनियमितता की बात स्वीकार की. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि दोषी अधिकारी की ड्यूटी चुनाव में नही लगाई जाए.
सरपंच पद की प्रत्याशी की दलील : याचिकाकर्ता रामबेटी यादव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह ग्राम बोम्होरी मडिया जिला टीकमगढ में सरपंच पद की प्रत्याशी थी. पोलिग बूथ क्रमांक 145 में मतदान के बाद मतपेटी को सील कर दिया गया था. चार दिन बाद मतगणना के दौरान मतपेटी में कुल मतों से 50 मत अधिक पाये गए. याचिका में जिला कलेक्टर चुनाव आयोग, जिला कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी, रिटर्निंग अधिकारी सीपी पटैल तथा पोलिंग अधिकारी हीरा लाल राजपूत को अनावेदक बनाया गया.
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चुनाव परिणाम पर रोक लगाई : याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इलेक्शन रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. उनकी तरफ से न्यायालय को बताया गया कि पर्यवेक्षक ने चुनाव में अनियमितता से संबंधित रिपोर्ट पेश की है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच के निर्देश जारी कर दिये गये हैं. एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए बूथ क्रमांक 145 में 60 दिनों के अंदर पुनः चुनाव करवाने के आदेश दिये. इसके अलावा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट भी 60 दिनों हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अनिल लाला ने पैरवी की.