जबलपुर। मेडिकल पीजी कोर्स करने के तीन माह बाद भी प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति प्रदान नहीं की है. स्वास्थ्य विभाग उन्हें एनओसी भी जारी नहीं कर रहा है. डॉक्टरों की तरफ से दायर की गयी याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
अनुबंध का पालन क्यों नहीं किया : डॉ. तुषार मिश्रा सहित अन्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि उन्होंने पीजी कोर्स 6 सितंबर 2023 में पूर्ण कर लिया था. पीजी कोर्स में दाखिले के समय सरकार द्वारा एक अनुबंध करवाया गया था. जिसके तहत कोर्स पूर्ण करने के बाद उन्हें एक साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना है. नियम अनुसार कॉलेज प्रबंधन को रिजल्ट आने के बाद 15 दिन में पीजी कोर्स पूर्ण करने वाले छात्रों की सूची स्वास्थ्य विभाग को भेजनी थी. स्वास्थ्य विभाग को तीन माह में नियुक्ति प्रदान करनी थी.
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याचिका में ये तर्क भी दिए : याचिकाकर्ता डॉक्टरों की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति प्रदान नहीं की. इसके अलावा उन्हें एनओसी भी प्रदान नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण याचिकाकर्ताओं को गोल्डन टाइम बर्बाद हो रहा है. उनकी आगे की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. याचिका में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक तथा आयुक्त को अनावेदक बनाया गया. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.