जबलपुर। मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद के सदस्य पद से हटाने जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि कार्य परिषद में नियम विरुद्ध निर्णयों को विरोध करने के कारण उन्हें हटाया गया है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अलहुवालिया की एकलपीठ ने राज्यपाल के उप सचिव, प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन तथा मेडिकल साइंस यूनिवसिर्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
नर्सिंग कॉलेजों का मामला उठाया : ग्वालियर निवासी डॉ.सुनील कुमार सिंह राठौर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि उन्हें 20 सितम्बर 2022 को मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में कार्य परिषद सदस्य सितम्बर 2025 तक नियुक्त किया गया था. कार्यपरिषद के निर्णय तथा मिनिट्स की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड नहीं करने के संबंध में उन्होंने कुलपति को पत्र लिखा था. इसके अलावा नियम विरुद्ध चल रहे नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने का विरोध भी उनके द्वारा किया गया था.
नोटिस नहीं देने का उल्लेख : याचिका में कहा गया कि राज्यपाल के उप सचिव ने 22 सितम्बर 2023 को आदेश जारी करते हुए उन्हें कार्य परिषद सदस्य के पद से हटा दिया. आदेश में पद से हटाने का कारण यह बताया गया कि कार्य परिषद के सदस्य तथा विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कार्य, व्यवहार तथा आचरण की शिकायत कुलपति द्वारा की गयी थी. उन्हें पद से हटाये जाने के पूर्व किसी प्रकार का नोटिस भी नहीं दिया गया.
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याचिका में ये दुहाई भी दी : याचिकाकर्ता ने बताया कि पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर भी प्रदान नहीं किया गया, जो प्राकृतिक न्याय के सिध्दांत के खिलाफ है. नियम अनुसार कार्यकाल पूर्ण होने तक उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता था. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की.