जबलपुर। एमपी पीएससी (MPPSC) द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा लागू नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया था कि देश के अन्य राज्यों में यह कोटा लागू है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
ये कहा याचिका में : याचिकाकर्ता डॉ. वीबी सिंह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हैं. उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिसका प्रमाण-पत्र जिला कलेक्टर द्वारा जारी किया गया है. एमपीपीएससी ने अस्सिटेंट प्रोफेसर के लिए साल 2017 में परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का कोटा लागू नहीं किया गया था. एमपीपीएससी ने साल 2022 ने अस्सिटेंट प्रोफेसर के लिए परीक्षा आयोजित की गयी. जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा लागू (Quota freedom fighters not implemented) नहीं किया गया है.
MP High Court News: युगलपीठ ने आदेशों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया
कई राज्यों में ये कोटा है : याचिका में कहा गया कि एमपीपीएससी (MPPSC) किसी भी परीक्षा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटा लागू नहीं कर रही है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार सहित अन्य प्रदेशों में यह कोटा लागू है. इस संबंध में उन्होने साल 2021 में मुख्यमंत्री को अभ्यावेदन दिया था. अभ्यावेदन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गयी है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने एमपीपीएससी व उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हैरी बामोरिया ने पैरवी की. बता दें कि एमपीपीएससी में कई बार नियमों के लेकर हुए विवाद हाईकोर्ट में पहुंचे. कुछ मामलों में अभी सुनवाई चल रही है.