ETV Bharat / state

MP High Court अनारक्षित महिला सीटों को EWS में कैसे मर्ज कर दिया

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती से जुड़े मामले में कर्मचारी चयन मंडल (पूर्व में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) के डायरेक्टर से पूछा है कि किस कानून के तहत अनारक्षित महिला की सीटें ईडब्ल्यूएस महिला सीटों के साथ मर्ज कर दीं.

MP High Court
अनारक्षित महिला सीटों को EWS में कैसे मर्ज कर दिया
author img

By

Published : Feb 1, 2023, 6:16 PM IST

जबलपुर। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने डायरेक्टर को इस संबंध में व्यक्तिगत हलाफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा ऐसा नहीं होने पर डायरेक्टर को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा. मामले पर अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.अदिति तिवारी व प्रदेश के विभिन्न जिलों के उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने बताया कि याचिकाकर्ताओं को चयनित उम्मीदवारों से अधिक अंक मिले हैं. फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई. शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया अनारक्षित महिला और ईडब्ल्यूएस महिला की सीटों को मर्ज कर दिया गया. इसके बाद फिजिकल टेस्ट में चयनित सभी महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई. कोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत ऐसा किया गया. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए.

आपदा प्रबंधन कमेटी का गठन : प्रदेश में राज्य स्तर, जिला स्तर तथा तहसील स्तर में पर आपदा प्रबंधक कमेटी गठित नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. उत्तराखंड में साल 2013 में बाढ़ तथा भूस्खलन में मध्य प्रदेश के निवासी के लापता होने को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट में याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये थे. याचिकाओं पर मंगलवार को हुई याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि राज्य स्तर,जिला स्तर तथा तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन कमेटी का गठन कर दिया गया है. इसके बाद युगलपीठ ने उक्त याचिका का निराकरण कर दिया। संज्ञान याचिका पर अगली सुनवाई 20 मार्च को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

भोपाल कलेक्टर को हाईकोर्ट का निर्देश : हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को आदेश दिया है कि रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा जारी रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट की तामीली कराएं. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने कहा कि कोर्ट कलेक्टर भोपाल से यह उम्मीद करती है कि वे आदेश का पालन करेंगे और अवमानना नोटिस जारी करने का कोई कारण नहीं छोड़ेंगे. कोर्ट ने इसके लिए 4 सप्ताह की मोहलत दी है. पेशे से प्रोफेसर भोपाल निवासी संजय सहाय ने याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने सोनिका इंजीनियरिंग एण्ड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड भोपाल से वर्ष 2011 में 24 सौ वर्गफुट का प्लॉट खरीदा था. कुल कीमत 8 लाख 40 हजार तय हुई थी. याचिकाकर्ता द्वारा बिल्डर को 6 लाख 40 हजार रुपए देने के बावजूद 2014 तक काम शुरू नहीं हुआ. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभय पांडे ने बताया कि मामला रेरा पहुंचा. रेरा ने वर्ष 2019 में बिल्डर के खिलाफ ब्याज सहित मूल राशि 11 लाख 17,852 रुपए की रिकवरी का आदेश जारी किया. इसके बाद रेरा ने 5 मार्च 2021 को आरआरसी जारी कर भोपाल कलेक्टर को इसकी रिकवारी करने के आदेश दिए. इसके बावजूद कलेक्टर भोपाल द्वारा आदेश का पालन नहीं कराया गया.

Jabalpur High Court: OBC आरक्षण मामले में कोर्ट में 63 याचिकाओं पर सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल रखेंगे पक्ष

बंदियों को प्रमाण पत्र वितरित : शिवपुरी जेल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी दीपक गुप्ता द्वारा सर्किल जेल शिवपुरी में महिला बंदियों को आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस दौरान जेल में वस्त्र एवं जैकेट सिलाई प्रशिक्षण में सफल रहने वाले पुरुष एवं महिला बंदियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी दीपक गुप्ता द्वारा बताया गया कि जन्म से कोई अपराधी नहीं होता है. जाने या अनजाने में जो अपराध हो जाते हैं उसी का प्रायश्चित करने हेतु बंदी जेल में आते हैं. कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी की सचिव अर्चना सिंह ने बंदियों को आपराधिक प्रवृत्ति को छोड़कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ने हेतु मार्गदर्शन दिया.

जबलपुर। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने डायरेक्टर को इस संबंध में व्यक्तिगत हलाफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा ऐसा नहीं होने पर डायरेक्टर को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा. मामले पर अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.अदिति तिवारी व प्रदेश के विभिन्न जिलों के उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने बताया कि याचिकाकर्ताओं को चयनित उम्मीदवारों से अधिक अंक मिले हैं. फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई. शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया अनारक्षित महिला और ईडब्ल्यूएस महिला की सीटों को मर्ज कर दिया गया. इसके बाद फिजिकल टेस्ट में चयनित सभी महिला उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी गई. कोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत ऐसा किया गया. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए.

आपदा प्रबंधन कमेटी का गठन : प्रदेश में राज्य स्तर, जिला स्तर तथा तहसील स्तर में पर आपदा प्रबंधक कमेटी गठित नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. उत्तराखंड में साल 2013 में बाढ़ तथा भूस्खलन में मध्य प्रदेश के निवासी के लापता होने को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट में याचिका के रूप में सुनवाई के निर्देश दिये थे. याचिकाओं पर मंगलवार को हुई याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि राज्य स्तर,जिला स्तर तथा तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन कमेटी का गठन कर दिया गया है. इसके बाद युगलपीठ ने उक्त याचिका का निराकरण कर दिया। संज्ञान याचिका पर अगली सुनवाई 20 मार्च को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

भोपाल कलेक्टर को हाईकोर्ट का निर्देश : हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को आदेश दिया है कि रियल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा जारी रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट की तामीली कराएं. जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने कहा कि कोर्ट कलेक्टर भोपाल से यह उम्मीद करती है कि वे आदेश का पालन करेंगे और अवमानना नोटिस जारी करने का कोई कारण नहीं छोड़ेंगे. कोर्ट ने इसके लिए 4 सप्ताह की मोहलत दी है. पेशे से प्रोफेसर भोपाल निवासी संजय सहाय ने याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने सोनिका इंजीनियरिंग एण्ड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड भोपाल से वर्ष 2011 में 24 सौ वर्गफुट का प्लॉट खरीदा था. कुल कीमत 8 लाख 40 हजार तय हुई थी. याचिकाकर्ता द्वारा बिल्डर को 6 लाख 40 हजार रुपए देने के बावजूद 2014 तक काम शुरू नहीं हुआ. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभय पांडे ने बताया कि मामला रेरा पहुंचा. रेरा ने वर्ष 2019 में बिल्डर के खिलाफ ब्याज सहित मूल राशि 11 लाख 17,852 रुपए की रिकवरी का आदेश जारी किया. इसके बाद रेरा ने 5 मार्च 2021 को आरआरसी जारी कर भोपाल कलेक्टर को इसकी रिकवारी करने के आदेश दिए. इसके बावजूद कलेक्टर भोपाल द्वारा आदेश का पालन नहीं कराया गया.

Jabalpur High Court: OBC आरक्षण मामले में कोर्ट में 63 याचिकाओं पर सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल रखेंगे पक्ष

बंदियों को प्रमाण पत्र वितरित : शिवपुरी जेल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी दीपक गुप्ता द्वारा सर्किल जेल शिवपुरी में महिला बंदियों को आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस दौरान जेल में वस्त्र एवं जैकेट सिलाई प्रशिक्षण में सफल रहने वाले पुरुष एवं महिला बंदियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी दीपक गुप्ता द्वारा बताया गया कि जन्म से कोई अपराधी नहीं होता है. जाने या अनजाने में जो अपराध हो जाते हैं उसी का प्रायश्चित करने हेतु बंदी जेल में आते हैं. कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी की सचिव अर्चना सिंह ने बंदियों को आपराधिक प्रवृत्ति को छोड़कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ने हेतु मार्गदर्शन दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.