जबलपुर। मध्य प्रदेश में विद्युत कंपनियों ने बिजली के दाम बढ़ाने के साथ-साथ मध्यमवर्गीय परिवारों पर बोझ बढ़ाने की भी तैयारी कर ली है. इस प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग ने भी मंजूर कर लिया है. दरअसल मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने आगामी वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारित करने के लिए लगाई गई टैरिफ पिटीशन में 300 से अधिक के स्लैब को समाप्त करने का प्रस्ताव प्रस्तावित किया है. इसके कारण छोटे उपभोक्ताओं पर अधिक भार पड़ने की संभावना है.
आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 300 यूनिट से अधिक वाले करीब पांच लाख उपभोक्ता हैं. ये उपभोक्ता अब 150 से 300 यूनिट की स्लैब में आ जाएंगे. वहीं 150 से 300 यूनिट की खपत करने वाले करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा. यानि की मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आने वाला साल बिजली का झटका लेकर आएगा.
आंकड़ों के मुताबिक
वर्तमान में बिजली की दर 00 से 50 यूनिट तक 4.21 रुपये प्रति यूनिट, जो अब बढ़कर 4.34 रुपए प्रति यूनिट होगी.
51 से 150 तक 5.17 रुपये प्रति यूनिट प्रस्ताव के मुताबिक 5.33 रुपए प्रति यूनिट.
151 से 300 यूनिट तक 6.55 रुपये प्रति यूनिट जो बढ़कर 6.74 रुपए प्रति यूनिट होगी.
मध्यम वर्गीय परिवार के लिए महंगा पड़ेगा प्रस्ताव: वहीं 300 से ज्यादा यूनिट पर 6.74 रुपये प्रति यूनिट बिजली का बिल आता है. जो प्रस्ताव के मुताबिक खत्म हो जाएगा. बिजली के जानकारों का कहना है कि विद्युत कंपनियों का यह प्रस्ताव मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बड़ा महंगा साबित होगा, क्योंकि 300 यूनिट से ऊपर वाले उपभोक्ताओं को इसका कोई असर नहीं होगा, लेकिन जो 300 यूनिट से नीचे खर्च करते थे, उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. निश्चित तौर पर इस प्रस्ताव का जन सुनवाई के दौरान घोर विरोध किया जाएगा.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा: बिजली बढ़ोतरी के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री कांग्रेस विधायक तरुण भनोट का कहना है कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में बिजली का उत्पादन हो रहा है. हम दूसरे प्रदेशों को 9रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेच रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी मध्य प्रदेश की जनता को सबसे महंगी बिजली खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.
गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने अपनी याचिका में आगामी वित्तीय वर्ष में ₹49 हजार 530 का राजस्व की जर्जर बताई है. लेकिन उसे 47,992 करोड़ का राजस्व ही मिलेगा. प्रस्तावित हानि 1,537 करोड़ रुपये की होगी. इसको पूरा करने के लिए बिजली दरों में औसत रूप से 3.20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की अनुमति आयोग से मांगी गई है. आयोग द्वारा बिजली की प्रस्तावित नई दर की जनसुनवाई के लिए सूचना जारी कर दी गई है. जिसमें जबलपुर में 23 जनवरी, ग्वालियर में 24 जनवरी और भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी. जनसुनवाई के बाद मार्च में आयोग नए वित्तीय वर्ष के लिए दर निर्धारित करेगा. ये दरें एक अप्रैल से लागू होने की संभावना है.