ETV Bharat / state

MP Court News: रेप और हत्या के आरोपी को कोर्ट ने 2 बार सुनाई मौत की सजा, दोनों बार हुई निरस्त, अब तीसरी बार होगी सुनवाई

एमपी के खंडवा जिला कोर्ट ने नाबालिग के साथ रेप और हत्या करने वाले आरोपी को दो बार मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद भी आरोपी की सजा को निरस्त कर दिया गया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब जिला न्यायालय इस मामले में तीसरी बार सुनवाई होगी.

MP Court News
कोर्ट न्यूज
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 8:57 PM IST

जबलपुर। खंडवा जिला व सत्र न्यायालय ने बलात्कार के मामले में दो बार सुनवाई करते हुए आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. दूसरी बार दी गई मृत्युदंड की सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट की खंडपीठ जबलपुर भेजा गया था. जहां हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस प्रकरण की पुनः सुनवाई करते हुए आदेश जारी किये हैं. जिला कोर्ट को तीसरी बार मामले में सुनवाई करने के आदेश दिए हैं.

दूसरी बार सुनवाई के लिए फिर जिला न्यायालय पहुंचा मामला: उल्लेखनीय है कि खंडवा जिला न्यायालय ने 4 मार्च 2013 को 9 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार कर उसकी हत्या के आरोप में अनोखी लाल को मृत्युदंड की सजा से दण्डित किया था. मृत्युदंड की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट भेजा गया था. हाई कोर्ट ने जिला व सत्र न्यायालय के फैसले को सही करार देते हुए मृत्युदंड की सजा पर सहमति प्रदान की थी. सजा के खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.

2022 में मृत्युदंड से किया था दंडित: इसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा को निरस्त करते हुए फिर से सुनवाई के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायालय को निर्देशित किया था कि, विशेष न्यायायलय द्वारा प्रकरण की पुनः सुनवाई की जाये. प्रकरण में सभी गवाहों का परीक्षण किया जाये. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार विशेष न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए अगस्त 2022 में आरोपी को फिर मृत्युदंड की सजा से दंडित किया था. जिसके बाद एक बार फिर सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट रेफर किया था. आरोपी की तरफ से भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी थी. दोनों याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से डीएनए व एफएसएल रिपोर्ट संबंधित दस्तावेज और रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर को परीक्षण की अनुमति प्रदान करने का आवेदन दायर किया गया था.

मृत्युंदड की सजा को किया निरस्त: जहां आवेदन की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि विशेष न्यायालय ने डीएनए रिपोर्ट जारी करने वाले डॉक्टर को गवाही के लिए उपस्थित होने का समन जारी किया था. जिसे बाद में न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था. लिहाजा युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए मृत्युदंड की सजा को दोबारा निरस्त करते हुए डीएनए की रिपोर्ट देने वाले डाक्टर को गवाही के लिए बुलाने के निर्देश दिये हैं. युगलपीठ ने इसके लिए तीन माह की समय अवधि निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से यज्ञावल्क शुक्ला ने पैरवी की.

जबलपुर। खंडवा जिला व सत्र न्यायालय ने बलात्कार के मामले में दो बार सुनवाई करते हुए आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. दूसरी बार दी गई मृत्युदंड की सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट की खंडपीठ जबलपुर भेजा गया था. जहां हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस प्रकरण की पुनः सुनवाई करते हुए आदेश जारी किये हैं. जिला कोर्ट को तीसरी बार मामले में सुनवाई करने के आदेश दिए हैं.

दूसरी बार सुनवाई के लिए फिर जिला न्यायालय पहुंचा मामला: उल्लेखनीय है कि खंडवा जिला न्यायालय ने 4 मार्च 2013 को 9 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार कर उसकी हत्या के आरोप में अनोखी लाल को मृत्युदंड की सजा से दण्डित किया था. मृत्युदंड की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट भेजा गया था. हाई कोर्ट ने जिला व सत्र न्यायालय के फैसले को सही करार देते हुए मृत्युदंड की सजा पर सहमति प्रदान की थी. सजा के खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी.

2022 में मृत्युदंड से किया था दंडित: इसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा को निरस्त करते हुए फिर से सुनवाई के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायालय को निर्देशित किया था कि, विशेष न्यायायलय द्वारा प्रकरण की पुनः सुनवाई की जाये. प्रकरण में सभी गवाहों का परीक्षण किया जाये. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार विशेष न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए अगस्त 2022 में आरोपी को फिर मृत्युदंड की सजा से दंडित किया था. जिसके बाद एक बार फिर सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट रेफर किया था. आरोपी की तरफ से भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गयी थी. दोनों याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से डीएनए व एफएसएल रिपोर्ट संबंधित दस्तावेज और रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर को परीक्षण की अनुमति प्रदान करने का आवेदन दायर किया गया था.

मृत्युंदड की सजा को किया निरस्त: जहां आवेदन की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि विशेष न्यायालय ने डीएनए रिपोर्ट जारी करने वाले डॉक्टर को गवाही के लिए उपस्थित होने का समन जारी किया था. जिसे बाद में न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था. लिहाजा युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए मृत्युदंड की सजा को दोबारा निरस्त करते हुए डीएनए की रिपोर्ट देने वाले डाक्टर को गवाही के लिए बुलाने के निर्देश दिये हैं. युगलपीठ ने इसके लिए तीन माह की समय अवधि निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से यज्ञावल्क शुक्ला ने पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.