जबलपुर। भगवान हनुमान तक इस बात से डरे हुए हैं कि यदि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार बदल गई तो जनता को फायदा पहुंचाने वाली जो योजनाएं चल रही हैं वे बंद हो जाएंगी. जन आशीर्वाद यात्रा में हनुमान जी के वेशभूषा में आए एक आम आदमी ने ऐसी प्रतिक्रिया दी. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2023 का शोर अब धीरे-धीरे हर तरफ बजने लगा है. जबलपुर में जन आक्रोश रैली हुई आज भारतीय जनता पार्टी ने जन आशीर्वाद यात्रा निकाली है. Jan Ashirwad Yatra in Jabalpur.
बच्चों तक पहुंची भाजपा: भारतीय जनता पार्टी का प्रचार इस कदर लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है कि बच्चे भी भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हो गए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जैसे ही जबलपुर के गौतम जी की मडिया में पहुंचे तो छोटे-छोटे बच्चों ने मामा के नारे लगाना शुरू कर दिए. शिवराज सिंह ने तुरंत बच्चों को बुलाकर उनसे मुलाकात की. जबलपुर में इसके पहले भी एक बच्चे ने मुख्यमंत्री का काफिला रोक दिया था तब भी शिवराज सिंह चौहान उससे मिले थे.
डर का मनोविज्ञान: भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने भाषणों में इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार बदली तो डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत जिन योजनाओं के जरिए आम आदमी के खाते में सीधे पैसे आ रहे हैं वह बंद हो जाएंगे. हनुमान जी के गेटअप में आए भाजपा कार्यकर्ता के मुंह से यह बात निकल गई. डर का यह मनोविज्ञान काम कर गया तो डरी हुई आम जनता भारतीय जनता पार्टी को फिर से सत्ता में ले आएगी.
समय बदलने से परेशान हुई महिलाएं: जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता घमापुर की कुछ महिलाओं को लेकर पश्चिम विधानसभा पहुंचे थे. इन महिलाओं का कहना था कि ''वह दोपहर 12 बजे ही आ गई थीं. 3 घंटा धूप में बैठने के बाद जब मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लगातार लेट होता गया तो महिलाएं घरों की ओर लौट गईं.''
सरकारी योजनाओं के डिस्प्ले वाली गाड़ी: भारतीय जनता पार्टी के आयोजन में सरकारी पैसा भी खर्च हो रहा है और मुख्यमंत्री की योजनाओं के डिस्प्ले वाली एक सरकारी गाड़ी भी जन आशीर्वाद यात्रा में नजर आई.
स्कूटी पाने वाले बच्चों को बुलाया गया: वहीं, जिन लड़कियों को स्कूल में फर्स्ट आने पर स्कूटी दी गई थी उन लड़के लड़कियों को भी मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा में बुलाया गया था. उन्हें भी जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल करके जनता को यह संदेश दिया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की योजनाओं में लोगों को कैसे फायदा मिला है. हालांकि पढ़ाई लिखाई करने वाले बच्चों को इस तरह राजनीति में शामिल करना कहां तक ठीक है या जनता को सोचना होगा.