जबलपुर। जबलपुर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सर गर्मी शुरू हो गई है. जबलपुर में गुरुवार को 21 जिलों के कलेक्टर पहुंचे हैं. जिन्हें ईवीएम मशीन और वीवीपैट मशीन की बुनियादी जानकारियां दी जा रही हैं. विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जबलपुर के कल्चुरी रेसीडेंसी में ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपेट मशीनों की एफएलसी वर्कशॉप का शुभारम्भ हुआ. एक दिन की इस वर्कशॉप में प्रदेश के चार संभागों के 21 जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी व ईवीएम सुपरवाइजर शामिल हो रहे हैं.
जबलपुर से हुई ट्रेनिंग की शुरूआत: वर्कशॉप में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि यह ट्रेनिंग पूरे प्रदेश में होनी है. प्रदेश में इसकी पहली शुरुआत जबलपुर से हो रही है. बाकी प्रदेश के अधिकारियों को भोपाल में बुलाकर ट्रेनिंग दी जाएगी. वर्कशाप में भारत निर्वाचन आयोग के ईव्हीएम डायरेक्टर एस सुंदर राजन ने इव्हीएम एवं व्हीव्हीपेट मशीनों की टेक्निकल और एडमिनिस्ट्रेटिव सिक्योरिटी पर पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन दिया. निर्वाचन आयोग के अपर सचिव ओपी साहनी, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ललित मित्तल एवं सतीश कुमार व प्रदेश के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला भी वर्कशॉप में मौजूद हैं. निर्वाचन आयोग के प्रशिक्षकों द्वारा ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपेट मशीनों की एफएलसी वर्कशॉप में हैण्डस-ऑन ट्रेनिंग भी दी जायेगी.
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पूरी तरह सुरक्षित वीवीपैट और ईवीएम: एफएलसी वर्कशाप में जिन 21 जिलो के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी व ईवीएम सुपरवाइजर शामिल होंगे. उनमें रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, सागर, टीकमगढ, निवाड़ी, पन्ना एवं दमोह जिले शामिल हैं. अनुपम राजन ने इस बात को स्पष्ट कहा है कि वीवीपैट मशीन और ईवीएम मशीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनमें गड़बड़ियां नहीं हो सकती, इसलिए इन पर सवाल खड़े करने का कोई मतलब नहीं है. जब तक राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं होते, तब तक इनका इस्तेमाल नहीं होता और यदि कोई गड़बड़ होती है तो इन्हें तुरंत भी बदल दिया जाता है.