जबलपुर। शहर में गुरुवार को सूक्ष्म और लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पहुंचे. इस दौरान उनके सामने जबलपुर उद्योग संघों के प्रतिनिधियों ने उनके सामने आ रही समस्याओं को पेश किया. इस दौरान उद्योगपतियों ने मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से बिजली सस्ती करने की मांग भी की. वहीं MSME मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश में पांच नए SEZ (Special economic zone) बनाए जाएंगे और कारोबारियों को जमीन दी जाएगी.
महंगी बिजली सबसे बड़ी समस्या
जबलपुर के उद्योगपतियों ने जब मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से मुलाकात की तो सबसे बड़ी समस्या मध्य प्रदेश में उद्योगों को मिलने वाली बिजली को माना. उद्योगपतियों का कहना है की महंगी बिजली की वजह से मध्य प्रदेश में उद्योग की लागत बढ़ जाती है और मध्य प्रदेश का उद्योगपति दूसरे प्रदेशों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाता, लेकिन इस मामले में मंत्री भी लाचार नजर आए और उन्होंने कहा कि यह मामला अभी मुख्यमंत्री के सामने लंबित है. वे ही इस मामले पर कोई फैसला दे सकते हैं. इस मुद्दे पर जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव हिमांशु खरे ने मंत्री के सामने मांग रखी.
जबलपुर के उद्योगपतियों की मांग
- जबलपुर के उद्योगपतियों ने मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से मांग की जबलपुर को लॉजिस्टिक हब बनाना चाहिए. जबलपुर से नागपुर मात्र चार घंटे की दूरी पर है और बहुत जल्द नागपुर से मुंबई हाइवे बनने वाला है. इस तरीके से जबलपुर से मुंबई मात्र 10 घंटे के रास्ते पर बचेगा. अगर जबलपुर को लॉजिस्टिक हब बनाया जाता है तो जबलपुर का उद्योग पनप जाएगा.
- उद्योगपतियों ने मांग रखी कि जबलपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीयां हैं और इन फैक्ट्रियों को बहुत सारे कल पुर्जों की जरूरत होती है, लेकिन यह जबलपुर से खरीदी करने की बजाय बाहर से खरीदी करते हैं, इसलिए जबलपुर में ऑर्डिनेंस से जुड़ी छोटी फैक्ट्रियां बर्बाद होने की कगार पर हैं.
- टिंबर व्यापार से जुड़े प्रतिनिधियों ने अपनी पीड़ा जताई कि नगर निगम टिंबर व्यापारियों को खत्म करने के लिए लगा हुआ है, इसलिए उन्हें काम करने की जगह दी जाए.
- इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले व्यापारियों ने कहा कि नगर निगम बहुत ज्यादा संपत्ति कर वसूल रहा है जबकि वे अपने इंडस्ट्रियल इलाके की डेवलपमेंट के लिए अलग से पैसा खर्च भी करते हैं. इसे बंद किया जाए.
- रेडीमेड गारमेंट से जुड़े कारोबारी, प्लास्टिक उद्योग, केमिकल इंडस्ट्री और भी दूसरी कई कारोबारियों ने भी अपनी मांगे रखी.
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मंत्री जी का आश्वासन
मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने सबकी बातें सुनी और बाद में कहा कि जल्द ही MSME की नई पॉलिसी लागू होने वाली है. नए इंडस्ट्रियल एरिया बनाने की बजाए सरकार कारोबारियों को ऐसी जमीन-कमरा में पर उपलब्ध करवाएगी जिस पर पूरा निर्माण कार्य कारोबारी अपने हिसाब से कर सकेगा और इसमें बहुत ज्यादा समय बर्बाद नहीं होगा. पांच किस्म के उद्योगों के लिए इंडस्ट्रियल हब भी बनाए जा रहे हैं. इनमें टैक्सटाइल इंडस्ट्री, टॉय इंडस्ट्री, फर्नीचर इंडस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के सेक्टर में सरकार न सिर्फ कारोबारियों को तकनीकी रिसर्च और डिजाइन में मदद करेगी अलग-अलग शहरों में इन पर जल्द ही काम शुरू होगा.
ESI के पैसे से कर्मचारियों की मदद का सुझाव
इस मौके पर जबलपुर के एक कारोबारी ने सुझाव दिया कि ESI के पास बड़ी तादाद में पैसा है और अगर ESI चाहे तो कोरोना संकट काल में मजदूरों और कर्मचारियों को जो समस्या उठानी पड़ी है, उसमें मदद कर सकता है. मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने इस मुद्दे पर अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है.
सरकार का ऐसा अनुमान है की भारत में चीन से आयात होने वाले बहुत सारा सामान पर या तो रोक लग चुकी है या फिर लोगों ने बुलाना बंद कर दिया है, इसलिए भारत में चीन से आयात होने वाले सामान की मांग को स्थानीय स्तर पर पूरा किया जा सकता है.इस क्षेत्र में बहुत सारी इंडस्ट्री बनाई जा सकती है लेकिन कोरोना संकट काल में नुकसान उठा चुके उद्योगपतियों को नए सिरे से निवेश करने में डर लग रहा है अब इस विकट परिस्थिति में सरकार कैसे मदद करेगी यह देखना होगा.