जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में अफ्रीकी चीते लाने की तैयारी में है. सरकार ने इसके लिए अफ्रीका सरकार से एक करार किया है. जिसके तहत अफ्रीकी चीते मध्य प्रदेश लाए जाएंगे. प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह का कहना है कि नवंबर तक अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश लाने की तैयारी है. प्रदेश में 1951 में अंतिम बार अफ्रीकी चीता देखा गया था. इसके बाद से यह प्राणी लुप्त हो गया.
संख्या ज्यादा होने के कारण मर रहे टाइगर
वन मंत्री ने प्रदेश में हो रही टाइगरों की मौत को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया है. उनका कहना है कि जहां जो चीजें ज्यादा होंगी उसका असर अलग तरह से होता है. यानी टाइगर की मौत की वजह उनकी ज्यादा संख्या है. वन मंत्री विजय शाह ने यह भी कहा कि बहुत से टाइगर यानी बाघ अधिक उम्र होने के कारण सामान्य मौत मार रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह दावा भी किया कि जब भी दोबारा गिनती होगी, तो टाइगर स्टेट का दर्जा मध्य प्रदेश को ही मिलेगा.
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वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए सैनिक
वनमंत्री ने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा और रहवास के लिए पहले से अधिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. उनकी सुरक्षा के लिए एसएएफ के 300 जवानों की एक बटालियन को भी तैनात किया गया है, जिससे शिकारियों पर नजर रखी जा सके और उन्हें पकड़ा जा सके. शिकारियों के खिलाफ शासन और कानून दोनों सख्त हैं.
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प्रदेश में नए अभयारण्यों की तैयारी
नौरादेही अभ्यारण्य को वन्य प्राणियों के अनुकूल बनाने के सवाल पर विजय शाह ने कहा कि वहां 2 हजार से ज्यादा जानवर छोड़े जाएंगे. इसके पहले वहां बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है. विस्थापितों को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की मुआवजा राशि और जमीन दी जा रही है. जल्द ही वहां वन्य प्राणियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण तैयार हो जाएगा. सागर के अलावा मंदसौर और बुरहानपुर में भी नए अभ्यारण बनाए जा रहे हैं.